भारत के प्रमुख धार्मिक स्थल
भारत एक धर्म और अध्यात्म की भूमि शुरु से ही रहा है। भारत में हर धर्म, हर जाति के लोग एक साथ मिलजुल कर रहते हैं। तभी भारत को विविधता में एकता का देश भी कहा जाता है। भारत में हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध, जैन एवं सिधीं इत्यादि सभी धर्मों के लोग रहते हैं। जिनके अपने-अपने धार्मिक स्थल है। बद्रीनाथ, अमरनाथ, जगन्नाथ पुरी और रामेश्वरम चार पवित्र धाम हैं जिनकी प्रसिद्धि जग जाहिर है। 12 ज्योतिर्लिंग भी भारत के धार्मिक स्थलों में श्रेष्ठ स्थान रखते हैं। यहां महाभारत की भूमि है, तो गीता के ज्ञान का प्रसार भी यहीं हुआ है। यहां हिंदूओं के मंदिर हैं तो सिखों के प्रसिद्ध गुरुद्वारे भी हैं, मुसलमानों की मस्जिदें, पीर की दरगाहें हैं, शंकराचार्यों की पीठ हैं तो बौद्धों के मठ हैं। ईसाइयों की चर्च हैं तो जैनों के तीर्थ भी यहीं पर हैं। इन स्थलों की खास-बात यह है कि यहां कोई भी व्यक्ति चाहे वो किसी भी धर्म जाती का क्यों ना हो वो जा सकता है। भारत भौगोलिक, सामाजिक, सांस्कृति, धार्मिक आदि की विभिन्नताओं का देश है। यहां के लोगों की धर्म में गहरी आस्था होती है, इसकी बानगी इसी से देखी जा सकती है कि हर छोटे-बड़े गांव से लेकर बड़े-बड़े महानगरों तक, लोगों की आस्था का केंद्र बने धार्मिक स्थल सदियों से मौजूद हैं। भारत में धर्म की प्रमुखता रही है। भारत में कई ऐसे प्राचीन मंदिर और धार्मिक स्थान हैं जहां हर किसी को जिंदगी में एक बार तो अवश्य जाना चाहिए। इन लोकप्रिय धार्मिक स्थानों में से कुछ में जम्मू में वैष्णोदेवी, इलाहाबाद में कुंभ मेला, मुंबई में सिद्धिविनायक मंदिर आदि शामिल हैं। हर साल हजारों श्रद्धालु इन स्थानों पर आते हैं और अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए नमन करते हैं।
भारत में गंगा नदी के तटों पर बसे कई धार्मिक स्थल है जिनमें काशी, हरिद्वार, प्रयागराज इत्यादि है जहां कुंभ का भव्य मेला आयोजित किया जाता है। यही नहीं भारत में पहाड़ों पर बसे कई धार्मिक स्थल है जिनके दर्शन करने देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं। यहां बर्फ की गुफाओं में मौजूद, बदरीनाथ, कैदारनाथ, अमरनाथ जैसे भव्य मंदिर है तो वहीं मां वैष्णों देवी का स्थल जम्मू में स्थित है। भारत की सबसे ऊंची चोटी पर नंदा देवी का निवास स्थान है तो कई गुरुद्वारे भी स्थित है। कश्मीर की वादियों से लेकर बंगाल की खाड़ियों तक किसी न किसी देवी देवता के अद्भुत मंदिर दिखाई देते हैं। अकेले देवी शक्ति की ही पूरे भारतवर्ष में 52 में से 42 पीठ हैं। हर धार्मिक स्थल का अपना इतिहास है, कहीं लिखित साक्ष्य हैं तो कहीं जन श्रुतियां ही इतिहास बनी हैं, किसी का इतिहास पौराणिक है तो किसी के चमत्कार आधुनिक विज्ञान की समझ से परे। कई मंदिर अपनी स्थापत्य कला के लिये दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं।
इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको भारत के कुछ प्रमुख धार्मिक स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां जीवन में एक बार तो आपको अवश्य जाना चाहिए यहां ना केवल आपके मन को शांति की प्राप्ति होगी बल्कि आप कुछ बेहतरीन नजारों का आनंद भी ले पाएगें। जो आपके मन-मस्तिष्क पर आध्यात्म का गहरा छाप छोड़ेगें।
वैष्णो देवी, जम्मू
माता वैष्णो देवी को भला कौन नहीं जानता होगा। जम्मू में यह मंदिर कटरा की पहाड़ियों पर स्थित है और देवी आदि शक्ति (देवी दुर्गा) को समर्पित है। मंदिर भारत के जम्मू कश्मीर राज्य की हसीन वादियों में उधमपुर ज़िले में कटरा से 12 किलोमीटर दूर उत्तर पश्चिमी हिमालय के त्रिकुटा पर्वत पर गुफ़ा में विराजित है। यह एक दुर्गम यात्रा है। माता रानी के रूप में भी लोकप्रिय है। यह मंदिर 5,300 फीट की ऊंचाई पर स्थित है! आपको ट्रायकुटा पहाड़ियों के शीर्ष पर गुफाओं तक पहुंचने के लिए खुद को एक कठिन ट्रेक के लिए तैयार करना होगा। 'जय माता दी' बोलते ही आप में एक अद्भुद शक्ति का संचार होगा। भक्तों को ठंडी हवाओं और ऊंचे पहाड़ों पर चढता देख आप खुद को रोक नहीं पाएगें। एक दूसरे को देख कर ही यहां साहस की प्राप्ति हो जाती है। जब आप माता के दरबार में पहुंच जाएगें तो वहां आपको तीन पिंडियों के रुप में मां सरस्वती, मां लक्ष्मी और मां दुर्गा यानि काली के दर्शन होगें जो एक गुफा में स्थित हैं। वैष्णो देवी मंदिर हज़ारों लाखों की आस्थाओं की धरोहर जम्मू कश्मीर में है। जहाँ साल-भर भारी संख्या में श्रद्धालु माता वैष्णो देवी के दर्शन करने आते हैं। इस मंदिर में अनेकों कहानियां है कहा जाता है कि देवी वैष्णों इस गुफा में छिपी और एक राक्षस का वध कर दिया था।
मंदिर तक रास्ता काफी कठिन यात्रा है। यद्यपि आप इस आध्यात्मिक यात्रा के हर हिस्से का आनंद लेंगे - एक सुरंग में अपना रास्ता बनाकर, सैकड़ों कदम चढ़ाने या एक टट्टू पर बैठकर भी आप यहां जा सकते हैं। यदि आपने इस मंदिर का दौरा नहीं किया है तो आपने कुछ नहीं देखा। जम्मू देश और विदेशों से अच्छीं तरह जुड़ा हुआ है।
शिर्डी में सांई बाबा, महाराष्ट्र
महाराष्ट्र के शिरडी में स्थित साईं बाबा शिरडी के सांई बाबा के रुप में विख्यात है। यह वास्तव में साईं बाबा की समाधि स्थल है जहां विभिन्न धर्मों के लोगों द्वारा समान रूप से इस समाधी का सम्मानित दौरा किया जाता है। शिरडी के सांई बाबा की बहुत महिमा माना जाती है। भक्तों का मानना है कि यहां आकर उनकी हर फरियाद पूरी हो जाती है। यही कारण है कि श्रद्धालु अपनी मन्नत पूरी होने पर यहां लाखों-करोड़ो का चढ़ावा चढाते हैं।
साईं बाबा एक भारतीय आध्यात्मिक गुरु थे - एक फकीर और सतगुरु, जिन्हें हिंदुओं और मुस्लिम दोनों ने सम्मानित किया था। उन्होंने अपने भक्तों को क्षमा, प्रेम, आंतरिक शांति, सत्य, दान, संतुष्टि और उनकी मुख्य चिंता जैसे एक खुशहाल जीवन के सरल पहलुओं को आत्म-प्राप्ति दी। उन्होंने हमेशा कहा 'अल्लाह मलिक सबका एक है' । उन्होंने मस्जिद जहां हते थे उन्हें द्वारकामाई नाम दिया गया था। कोई भी नहीं जानता कि वह खुद हिंदू थे या मुसलमान थे और उनकी शिक्षाएं इन दोनों धर्मों से प्रेरित हैं।
सभी धर्मों के लोग साईं बाबा की पूजा करते हैं। यह उनके भक्तों से उनके प्रति वादा करता है कि वह निश्चित रूप से अपनी इच्छाओं को पूरा करेगा। यदि आपके पास सरसों के बीज के रूप में छोटा विश्वास है, तो आप पहाड़ों को स्थानांतरित कर सकते हैं। तो आप किसका इंतज़ार कर रहे हैं? शिरडी में साईं बाबा के आशीर्वाद मांगने के बाद अपना व्यवसाय या नौकरी शुरू करें।
तिरुमाला वेंकटेश्वर मंदिर, तिरुपति
तिरुमाला वेंकटेश्वर का मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। इसे भारत में सबसे अमीर तीर्थ केंद्र माना जाता है। यहां मनाया जाने वाला मुख्य उत्सव ब्रह्मोत्सव त्यौहार है इस समय दुनिया भर के तीर्थयात्री यहां जाते हैं। यह मंदिर तिरुपति (आंध्र प्रदेश) में शेषचलम रेंज की आखिरी पहाड़ी पर स्थित है। मंदिर की उत्तम वास्तुकला के साक्ष्य देखने लायक है। लगभग 60,000 भक्त हर रोज इस मंदिर जाते हैं!
हर कोई उन्हें सबसे अमीर भगवान के रूप में जानता है! खैर, अगर लोग अपनी इच्छाओं को पूरा करने के बदले में यहां मुंडन कराते हैं अपने बालों को समर्पित करते हैं। यह एक धार्मिक स्थान है जहां आपको शादी करने से पहले या बाद में अवश्य जाना चाहिए। यहां आप अच्छे स्वास्थ्य, और धन की कामना से भी जा सकते हैं।
मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह, अजमेर
अजमेर में दरगाह शरीफ की बहुत महिमा है। यह जाति, पंथ या धर्म के बावजूद, समाज के विभिन्न वर्गों से भक्तों को आकर्षित करती है। न केवल मुस्लिम, बल्कि हिंदू और सिख भी इस दरगाह में एक महत्वपूर्ण धार्मिक गंतव्य पर जाते हैं। यह ख्वाजा मोइनुद्दीन चिस्ती की दरगाह है, जो यहां आने वाले लोगों की इच्छा पूरी करने के लिए माने जाते है। इस दरगाह का दौरा करने का सबसे अच्छा समय उर्स त्यौहार के दौरान होता है जो यहां आयोजित वार्षिक उत्सव है और पूरे हज़ारों विश्वासियों को आकर्षित करता है।
कहा जाता है कि अभिनेता शाहरुख खान ने इस दरगाह का दौरा किया था और महीनों बाद ही वह सुपरस्टार बन गए थे। बॉलीवुड सितारों के बारे में आपको उनकी फिल्मों के रिलीज से पहले इस दरगाह में जाने की खबरे अक्सर सुनने एवं पढने को मिलती है। कहा जाता है जो भी यहां आता है वो खाली हाथ नहीं जाता। यहाँ आओ और आशीर्वाद मांगो। शादी करने वाले लोगों के बारे में कई कहानियां हैं यहां आने से जल्दी शादी के संयोग बन जाते है। फरियादी यहां बच्चों के जन्म लेने के लिए भी प्रार्थना करने आते हैं। अच्छी नौकरी, धन–धान्य का आशीर्वाद पाने का कामना लेकर आते हैं। आपको अपने जीवन में खुशियों की प्राप्ति करने के लिए एक बार यहां अवश्य आना चाहिए।
महाबोधि महावीर बोधगया मंदिर, गया, बिहार
महाबोधि मंदिर बिहार में स्थित है और वह जगह है जहां भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। बोधिमंद विहार मठ के साथ मंदिर परिसर में एक पवित्र बोधी वृक्ष है। सम्राट अशोक ने इस महत्वपूर्ण स्थल को एक हाथी राजधानी के साथ एक अंकित खंभे के साथ चिह्नित किया था। महाबोधि सोसाइटी की स्थापना 1891 में हुई थी और 1949 बोधगया अधिनियम ने इस स्थल को बौद्ध पवित्र स्थल के रूप में मान्यता दी थी। 2002 में महाबोधि मंदिर को विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया था और इसके प्रशासन की निगरानी बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा की जाती है।
यह ईंट का उपयोग करके निर्मित प्राचीन बौद्ध मंदिर में से एक है। मंदिर के बाहर, बुद्ध के जीवन को दर्शाते हुए ईंटों पर दृश्य हैं। आंगन में मूर्तियों और स्तूप होते हैं। मंदिर के बगल में बोधी वृक्ष है जहां बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि सारनाथ में, एक बोधी पेड़ है जिसे अनगरिका धर्मपाल द्वारा लगाया गया था। श्रीलंकाई मठ के बगल में स्थित, यह बोधी पेड़ वास्तव में बोध गया में बोधी वृक्ष के काटने से उगाया गया था।
यह एक धार्मिक स्थल है जो आपको अपने जीवन में शांति और सुकुन के साथ रहने का ज्ञान देगा। यहां आकर आप अदभुद शांति का अनुभव प्राप्त करेगें। बुद्ध की तरह, आप समझेंगे कि अराजकता के बीच खड़े होने पर भी आप शांति में रह सकते हैं। शांति आपके भीतर है और यह वह जगह है जहां आपको इसे ढूंढना है। यदि आप सही समय में गया में इस मंदिर में जाते हैं, तो आप अपने पूरे जीवन को सही तरीके से चलाने में कामयाब हो पाएगें। तो, कल तक इंतजार क्यों करें? गया के लिए यात्रा करें और जीवन की कला सीखें।
स्वर्ण मंदिर, अमृतसर, पंजाब
हरमिंदर साहिब (या हरि मंदिर) के रूप में भी प्रसिद्ध, अमृतसर शहर (पंजाब) में स्थित सुंदर गुरुद्वारा सिख समुदाय के लिए एक पवित्र स्थान है। जिसे स्वर्ण मंदिर के रुप में आधिकारिक तौर पर मार्च 2005 में नामित किया गया था। वैसे तो यह सिखों का सबसे पवित्र स्थल है किन्तु अन्य धर्मों के लोग यहां भी जाते हैं। मंदिर में असली सोने का वर्क चढ़ाया गया है। यह चारो तरफ से झील से घिरा हुआ है। गुरुद्वारा चार दिशाओं में चार दरवाजे शामिल है और वैशाखी उत्सव के दौरान उत्सव यह अलग ही रंग में रंग जाता है। स्वर्ण मंदिर चौथे गुरु गुरुदास साहिबजी द्वारा बनाया गया था। यह भारत में सबसे महत्वपूर्ण सिख तीर्थ केंद्र है।
1574 में स्वर्ण मंदिर का निर्माण शुरू हुआ और 1601 में पूरा हो गया। यह भूमि मुगल सम्राट अकबर द्वारा दान की गई थी। महाराजा रणजीत सिंह के संरक्षण के तहत सोने और संगमरमर का काम हुआ। आगंतुकों को मंदिर परिसर में मांसखाने. शराब पीने, की अनुमति नहीं है। गुरु ग्रंथ साहिब के सम्मान के प्रतीक के रूप में अपने सिर को यहां रुमाल, दुपट्टा या कपड़े के टुकड़े से ढंकना पड़ता है।
हरि मंदिर को दरबार साहिब (भगवान का न्यायालय) भी कहा जाता है। मंदिर के चारों ओर पवित्र पूल गुरुद्वारा को अमृत सरोवर कहा जाता है। डाइनिंग हॉल (गुरु-का-लंगार) हर दिन 35,000 लोगों को भोजन प्रदान करता है जहां कोई भी जाति, पंथ या धर्म का व्यक्ति लंगर में बैठकर भोजन ग्रहण कर सकता है। यहां लगंर 24 घंटे सातो दिन चलता रहता है। केंद्रीय संग्रहालय सिख गुरुओं, संतों और योद्धाओं की छवियों को प्रदर्शित करता है। पालकी साहिब के रुप में हर रात एक समारोह आयोजित किया जाता है जिसमें गुरु ग्रंथ साहिब को जुलूस में 'बिस्तर' में ले जाया जाता है।
स्वर्ण मंदिर एक धार्मिक स्थान है जहां किसी भी जाति और धर्म के लोग जा सकते हैं। इसके दरवाजे हमेशा आपके लिए खुले हुए हैं। दरवाजे हमेशा आपको प्राप्त करने, आपको खिलाने और आपकी मदद करने के लिए खुले रहते हैं। आप बिना देर किए सबसे पहले सुंदर 'स्वर्ण मंदिर पर जाएं और' देने 'की सुंदरता सीखें। आप समझेंगे कि लोगों के साथ देने और साझा करने में क्या खुशी मिलती है। व्यवसायी बड़ी मात्रा में पैसा दान करते हैं और साथ ही उनके खेतों से उत्पादन करते हैं जिनका उपयोग यहां आने वाले हजारों लोगों को खिलाने के लिए किया जाता है - नि:शुल्क और प्यार से भरा यह गुरुद्वारा आप में नई सीख उत्पन करेगा आप अमृतसर में इस धार्मिक स्थल के आसपास जलियावाला बाग और अन्य स्थानों पर भी जा सकते हैं।
भगवान जगन्नाथ मंदिर, पुरी
भगवान जगन्नाथ मंदिर पुरी, उड़ीसा में स्थित है और भगवान जगन्नाथ को समर्पित है। जून के महीने के दौरान, रथ यात्रा में दुनिया के लगभग सभी हिस्सों से हजारों भक्तों आकर्षित क होकर इसमें शामिल होते है। इस मंदिर के मुख्य देवताओं में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा हैं।
मंदिर और प्यारे समुद्र तट आपको पुरी के पास बुलाते हैं। समुद्र तट पर रेत कला बनाने का आनंद लें, एक आध्यात्मिक अनुभव के साथ एक तन के लिए जाओ जो आपको अद्भुत लगेगा! लोग इस मंदिर से प्रसाद लेने के लिए लबीं-लंबी लाइने लगाते हैं इतना ही नहीं इस मंदिर का प्रसाद लेने के लिए ऑनलाइन आर्डर भी देते है। भगवान जगिन्नाथ की यात्रा इस मंदिर की और भारत वर्ष की सबसे पवित्र और आकर्षक यात्रा है। जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं। आपको जगन्नाथ यात्रा के समय पुरी अवश्य जाना चाहिए।
अमरनाथ गुफा मंदिर, श्रीनगर
भगवान शिव को समर्पित अमरनाथ गुफा मंदिर केवल कुछ महीनों के लिए ही भक्तो के लिए खोला जाता है। इसे भारत में सबसे पवित्र मंदिरों में से एक माना जाता है और यह भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर 12,756 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और सभी तरफ बर्फीले पहाड़ों के साथ मस्तिष्क दिखता है। आप एक कठोर ट्रेकिंग अभियान के बाद ही गुफा तक पहुंच सकते हैं। हर साल एक बर्फ लिंगम का गठन होता है - सब कुछ अपने ही! हर साल, श्रावण के महीने के दौरान, पानी की ठंड के कारण गुफा के अंदर स्वाभाविक रूप से एक बर्फ स्टेलेग्माइट लिंग का गठन होता है। जिसे भगवान शिव का स्वरुप माना जाता है।
एक पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव ने अपनी पत्नी देवी पार्वती को अमरत्व का रहस्य प्रकट किया था उनकी इस कथा को दो कबूतरों के जोड़े ने सुन लिया था। आज भी, लोग मानते हैं कि गुफा में कबूतरों की एक जोड़ी देखी जा सकती है। जिसे देखने वाले पर अद्भुद कृपा बरसती है।
अमरनाथ यात्रा एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव है। आप प्रकृति में होने वाले चमत्कारों को समझेंगे और वास्तव में हमारे चारों ओर इन चमत्कारों के बारे में अधिक जागरूक होना सीखेंगे - गुफा आपको प्राकृतिक 'लिंग' देखने और अपने निवास पर भगवान के आशीर्वाद की तलाश करने के लिए तैयार करता है।
वेलंकन्नी चर्च, तमिलनाडु
वेलंकन्नी चर्च तमिलनाडु के नागपट्टिनम जिले में स्थित है। यह वास्तुकला की गोथिक शैली की तर्ज पर बनाया गया है। चर्च को 'गुड हेल्थ ऑफ अदर लेडी' के रूप में भी जाना जाता है। यह एक पुर्तगाली नाविक द्वारा बनाया गया था जो समुद्र में एक हिंसक तूफान से बच गया था। उन्होंने इस चर्च को सर्वोच्च शक्ति के प्रति कृतज्ञता देने के लिए बनाया। यहां मनाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार क्रिसमस और मैरी की जन्म का पर्व हैं।
आप पहले ही जानते हैं कि आपके पास सबसे महत्वपूर्ण संपत्ति है जो आपका स्वास्थ्य है। इसका ध्यान रखें। वेलंकन्नी के आशीर्वाद - स्वास्थ्य की देवी और स्वस्थ जीवन जीते हैं। यदि आप किसी भी बीमारी से पीड़ित हैं, तो आप यहां के पवित्र जल में डुबकी लगा सकते हैं और दूसरों की तरह ही अपनी बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं। आपको यहां अवश्य आना चाहिए आप यहां आने के बाद अपने स्वास्थ्य की देखभाल करना सीखेंगे। आप इस बात से आभार मानेंगे कि देवी ने आपको अच्छे स्वास्थ्य के साथ कैसे आशीर्वाद दिया है। वेलंकन्नी भी विभिन्न बीमारियों के अपने भक्तों को ठीक करता है।
भारत में कई और अधिक प्रसिद्ध तीर्थ केंद्र और मंदिर हैं। इनमें कोणार्क में सूर्य मंदिर (सूर्य मंदिर), गुजरात में सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, राजस्थान के रणकपुर मंदिर, पंजाब में हेमकुंड साहिब आदि शामिल हैं। गोवा में बोम जीसस चर्च का बेसिलिका ओल्ड गोवा में एक यूएसईसीओ विश्व धरोहर स्थल है। यह पहला मामूली बेसिलिका है और भारत में सबसे पुराने चर्चों में से एक है। भारत धार्मिक स्थलों का खजाना है जहां आपको अवश्य जाना चाहिए और अपने मन को शांत करने की कला सिखनी चाहिए।
भारत में महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों के फोन नंबर
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वैष्णो देवी मंदिर फोन: 01991 232 238
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स्वर्ण मंदिर, अमृतसर फोन: 0183 255 3957
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श्री जगन्नाथ मंदिर, पुरी फोन: 06752 222 002
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श्री वेंकटेश्वर मंदिर, तिरुपति फोन: 0877 227 7777
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अजमेर शरीफ़ फोन: 094611 30786
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वेलंकन्नी चर्च फोन: 04365 263 423
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शिरडी साईं बाबा मंदिर फोन: 02423-258500 , 758717, 258718
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बिहार में महाबोधि मंदिर फोन: 0631 220 0735
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अमरनाथ गुफा मंदिर फोन: 1800 103 1060
इनमें से कुछ मंदिर पहाड़ी की चोटी पर स्थित हैं और आपको मंदिर तक पहुंचने से पहले सैकड़ों कदम चढ़ना होगा। इनमें से कुछ केवल एक लंबी कतार में खड़े होने के बाद ही पहुंच योग्य हैं। जब आप जवान होते हैं तो इन स्थानों पर यात्रा करें और उन्हें अच्छी तरह से जानें ताकि आपकी अगली यात्रा जल्द ही आपके पूरे परिवार के साथ हो या बाद में जब आप बूढ़े हों तो आपको यह ना लगे की आपने जवानी में कोई धार्मिक यात्रा नहीं की। जब आप बूढ़ापे में थक जाएगें तो इन जगहों का सही से आनंद नहीं ले पाएगें। इसलिए इन जगहों पर अच्छे स्वास्थ्य और जवानी में जाएं ताकि आप इन जगहों पर आशीर्वाद लेने के साथ-साथ इनकी खूबसूरती का भरपूर आनंद भी उठाएं।