भारत के सर्वश्रेष्ठ ऐतिहासिक होटल
भारत राजाओं, महाराजाओं और शाही समृद्धि से भरी-पूरी भूमि है। यहां कई ऐतिहासिक इमारतें, किले एवं परिसर है जो भारत के समृद्ध इतिहास को प्रदर्शित करते हैं। भारत का इतिहास जितना विस्तृत है उतना ही समृद्धिशालि भी है। भारत के प्रत्येक राज्य के प्रत्येक शहर में कोई ना कोई ऐतिहासिक स्थल, वस्तु अवश्य मौजूद है जो उसकी भव्यता का प्रमाण है। उत्तर से लेकर दक्षिण तक, पूर्व से लेकर पश्चिम तक, भारत में शाही भव्यता के अद्भुद नजारों को प्रदर्शित करते किले एवं महल विराजमान है। जो ना केवल अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध है बल्कि अपने उन्नत इतिहास और अद्भुद कला के लिए भी विख्यात है। भारत में कई ऐसे महल है जो देश भर के पर्यटकों के साथ-साथ विदेशों के पर्यटकों को भी आकर्षित करते हैं जो पर्यटकों को ना केवल रहने के लिए एक शानदार जगह उपलब्ध कराते हैं बल्कि भारतिय कला एवं संस्कृति से उन्हें रुबरु कराते हैं। भारत में कई ऐसे ऐतिहासिक होटल है जो राजशाही ठाठ-बाट का उम्दा नमूना पेश करते हैं। भारत के यह होटल ना केवल इतिहास को अब तक जीवित किए हुएं है बल्कि यह आधुनिक तकनीकी और परंपराओं से भी परिपूर्ण हैं। देश के औपनिवेशिक शासकों से आजादी मिलने के कुछ सालों बाद एवं लोकतंत्र की स्थापना के समय तक के पूर्ववर्ती राजाओं, सामंती प्रभुताओं के प्रतिक के रुप में यहां कई ऐतिहासिक होटल एवं महल स्थापित हैं। जिनका रखरखाव आज भी उसी प्रकार से किया जाता है जैसा वो पहले था। राजाओं और सामंतो द्वारा बनाए गए महलों ने आज पर्यटन के उद्देश्य से होटल का रुप अवश्य ले लिया है किन्तु राजशाही परंपराओं से यह आज भी जुड़े हुए हैं। इन महलों और होटलों में आपकों वही राजशाही ठाठ-बाट देखने को मिलेगी जो उस समय की संस्कृति और सभ्यता का हिस्सा थी।
होटल का व्यवसाय आज व्यापक रुप में फैला हुआ है। देश-विदेश के पर्यटक, पर्यटन एवं अन्य कारण के कारण एक शहर से दूसरे शहर एक देश से दूसरे देश जाते रहते हैं। ऐसे में उनके ठहरने और उन्हें उस शहर की संस्कृति से रूबरु कराने के उद्देश्य से आज होटल का होना बहुत आवश्यक हो गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए एवं विरान पड़ रहे महलों की देख रेख करने एवं उन्हें बचाए रखने के उद्देश्य से आज उनका प्रयोग होटल के रुप में किया जा रहा है। यहां महलों की परंपराओं और रस्मों को वैसे ही बरकरार रखा गया है जैसें वो पहले थी। उसी वेश-भूषा एंव खान-पान के साथ आधुनिककरण का तड़का आज पर्यटकों को बहुत आकर्षित कर रहा है। हम अपने इस आर्टिकल के माध्यम से आपको भारत के कुछ ऐसे ही सबसे अच्छे ऐतिहासिक होटलों और महलों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आप अवश्य जाना चाहेगें। यहां एक सूची है जिसमें भारत के सर्वश्रेष्ठ ऐतिहासिक होटलों के बारे में बताया गया है..
1. ताज फलकनुमा पैलेसः हैदराबाद, तेलंगाना
भारत के दक्षिणी राज्य हैदराबाद और तेलंगाना जितना अपने खान-पान के लिए मशहूर है उतना ही अपनी कला और संस्कृति के लिए भी जाने जाते हैं। नव प्रतिष्ठित चारमीनार और भव्य चौमल्ला पैलेस से मात्र तीन मील दूर देश के बेहतरीन और सबसे ऐतिहासिक होटलों मे से एक है ताज फलकनुमा पैलेस। यह पैगाह हैदराबाद स्टेट से सम्बन्ध रखता है जिस पर बाद में निजामों द्वारा अधिपत्य किया गया। यह फलकनुमा में 32 एकड़ क्षेत्र पर बना हुआ है। इसका निर्माण नवाब वकार उल उमर द्वारा किया गया था जो कि हैदराबाद के प्रधानमन्त्री थे। फलकनुमा का तात्पर्य होता है- “आसमान की तरह।
सर बाइकर इस स्थान को अपने निजी निवास के तौर पर तब तक प्रयोग करते थे जब तक कि इसका अधिपत्य उनके पास रहा, बाद में यह पैलेस 1897-98 के लगभग हैदराबाद के निजाम को सौंप दिया गया। फलकनुमा पैलेस के निर्माण में इतनी अधिक लागत आयी कि एक बार तो सर बाइकर को भी अहसास हुआ की वे अपने लक्ष्य से कहीं ज्यादा खर्च कर चुके है। बाद में उनकी पत्नी लेडी उल उमरा की चालाकी से उन्होंने यह पैलेस निजाम को उपहार में दे दिया जिसके बदले में उन्हें इस पर खर्च किया हुआ पूरा पैसा मिल गया। बाद में निजाम नें इस महल को शाही अतिथि गृह की तरह से प्रयोग करना शुरू कर दिया क्योंकि इससे पूरे शहर का नज़ारा देखने को मिलता था। सन 2000 में ताज होटल नें इस पैलेस को पुनः नवीनीकृत करना शुरू कर दिया। नए बदलावों के साथ इस होटल को नवम्बर 2010 में अतिथियों के लिए खोल दिया गया। इसके कमरों और दीवारों को फ्रांस से मगाए गए ओर्नेट फ़र्नीचर, हाथ के काम किये गए सामानों से तथा ब्रोकेड से सुसज्जित किया गया। इस पैलेस में 101 सीट्स वाला भोजन गृह है जिसे कि संसार का सबसे बड़ा डाइनिंग हॉल माना जाता है। साथ ही साथ दरबार हॉल भी है जिसे विश्वस्तरीय शिल्प का अनुप्रयोग करके सुसज्जित किया गया है। इस महल ने कई भारतीय और यूरोपीय राजाओं, ब्रिटेन के उच्च प्रोफ़ाइल अधिकारियों की मेजबानी की है जिन्होंने महल को विख्यात करने में अहम भूमिका निभाई है।
2. ओबेरॉय ग्रांडः कोलकाता, पश्चिम बंगाल
भारत के पूर्वी राज्य पश्चिम बंगाल के कलकत्ता शहर में बसा ओबरॉय होटल 'कोलकाता के ग्रैंड डेम' के रूप में जाना जाता है, ओबेरॉय ग्रैंड न केवल खुशी के शहर का गौरव है, बल्कि यह भारत के बेहतरीन ऐतिहासिक होटलों में से एक है।
यह जवाहरलाल नेहरु रोड (जिसे पहले चौरंगी रोड कहा जाता था) पर कोलकाता की के हृदय में स्थित है। यह अंग्रेजी काल की एक सर्वसज्जित और विशालकाय इमारत है जोकि कोलकाता में बहुत प्रसिद्ध भी है। इस होटल को ओबेरॉय चैन ऑफ़ होटल्स ने खरीद रखा है। पूरे ब्लॉक को घेरती हुई विशाल श्वेत ईमारत जिसके ऊपरी ताल के कोलोनेड बरामदे और बालकनी चारों और से दिखाई देते हैं। ब्लॉक के चारों ओर लम्बाई में बाहर निकलता हुआ बरामदा विशिष्ट खुदाई वाले जोड़ीदार स्तंभों पर टिका हुआ है। प्लास्टर पर सुसज्जित मुखौटों की आकृति प्रतिबिंबित है। यहाँ के बरामदे भी बहुत आकर्षित प्रतीत होते हैं। खूबसूरत विक्टोरिया मेमोरियल, सबसे व्यस्त बाजार स्थान, सुन्दर हरे मैदान और कोलकाता के कुछ अन्य प्रतिष्ठित स्थलों के बीच ओबेरॉय ग्रांड घिरा हुआ है। यह अपने आगंतुकों को ब्रिटिश शाही युग से ही सबसे शानदार और शाही पेशकश कर रहा है। ओबेरॉय ग्रैंड अभी भी कोलकाता में होने वाले किसी भी राष्ट्रीय, राज्य स्तर या अंतर्राष्ट्रीय मामलों के लिए सबसे पसंदीदा विकल्प है। बड़े-बड़े लोग, राजनेता, अभिनेता इसकी और रुख करते हैं।
3. उमाद भवन पैलेसः जोधपुर, राजस्थान
भारत का पश्चिमी राज्य राजस्थान अपने राजशाही परिवेश के लिए विश्व विख्यात है। राजस्थान में एक से बढ़कर एक राजशाही, ऐतिहासिक धरोहरें एवं महल तथा होटल स्थापित है। राजस्थान के जोधपुर में स्थित उमाद भवन पैलेस, भारत के सबसे शानदार होटलों में से है। इसे देश के सबसे अच्छे ऐतिहासिक होटल में से एक माना जाता है। दिलचस्प बात यह है कि यह महल जोधपुर शाही परिवार के लिए भव्य निवास के रूप में नहीं बनाया गया था बल्कि जोधपुर के तत्कालीन महाराजा उमाद सिंह ने 1923 में मेहरानगढ़ किले को एक नए जोधपुर के नए प्रतीक के रूप में स्थापित किया था। जिससे कई हजार लोगों को रोजगार मिल सका था। जोधपुर के मुख आकर्षकों में से एक उमाद भवन पैलेस अपनी विरासत व ऐतिहासिक धरोहर होने के कारण पर्यटकों को दूर से ही लुभाता है। हालांकि अब इस महल को 3 भागों में विभाजित कर दिया गया है। पहले में राज परिवार रहता है, दूसरे में आलीशान होटल है और तीसरे में संग्राहलय है जिसमे पुरातन की कई निशानियाँ संग्रहित हैं। उमाद भवन पैलेस 26 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैले महान वास्तुकला का एक अद्भुत टुकड़ा है। अब, ताज ग्रुप ऑफ होटल्स ने इसके 64 कमरे ले लिए हैं और उन्हें एक शानदार विरासत होटल के हिस्से के रूप में नवीनीकृत किया है। जब भी किसी प्रसिद्ध व्यक्ति की शादी की बात होती है या कोई बड़ी सभा का आयोजन होता है तो इस महल का रुख अवश्य ही लोग करते हैं। यह लोगों की पसंदीदा जगह है। यही कारण है कि नेता, अभिनेता से लेकर कई विदेशी पर्यटक भी इस होटल की और आकर्षित होते हैं।
4. ताज लेक पैलेसः उदयपुर, राजस्थान
राजस्थान के उदयपुर का ताज लेक पैलेसे अपने आप में एक अनूठा होटल है। इस महल को महाराजा जगत सिंह द्वितीय ने बनवाया था। हालांकि अब यह महल 5 स्टार होटल में तब्दील हो चुका है। इस महल की दीवारों पर सुन्दर चित्रकारी की गई है। यहाँ पहुँचने के लिए मोटरबोट, नाव आदि की सुविधा हर समय उपलब्ध रहती है। चांदनी रात में पिछोला झील में बोटिंग करने का अपना अलग ही मज़ा है क्योंकि यह महल पानी के बीचों बीच है। लेक पैलेस उदयपुर, राजस्थान की प्रमुख और शानदार इमारतों में से एक है। यह ख़ूबसूरत संरचना 'पिछोला झील' के बीच 'जग निवास द्वीप' पर स्थित है। महाराणा जगत सिंह ने वर्ष 1743 में एक ग्रीष्मकालीन निवास के रूप में इस महल का निर्माण करवाया था।
फ्लोटिंग फंतासी का असली टुकड़ा, ताज लेक पैलेस बिल्कुल वही है जिसे आप शाही भागने कहते हैं। पहाड़ियों की सुरम्य श्रृंखला और खूबसूरत पिचोला झील के बीच में स्थित है यह महल देखने में ऐसा प्रतित होता है जैसे पानी में कोई कमल खिला हो। लेक पैलेस एक मध्यम आकार का होटल है जो शाही विरासत के रुप में सबसे शानदार सेवाएं प्रदान करता है। ताज लेक पैलेस झील पिचोला के आकर्षक चार द्वीपों में से एक है जिसे पहले जग निवास के नाम से जाना जाता था। राजाओं का यह घूमने का स्थान था। लेक पैलेस इमारत की शानदार वास्तुकला जटिल शिल्प कौशल का एक सुंदर उदाहरण प्रस्तुत करती है। यह ख़ूबसूरत इमारत दुनिया में सबसे उत्तम महलों में गिनी जाती है। महल के कमरे गुलाबी पत्थर, पुते शीशे, मेहराब और हरे कमल के पत्ते के साथ सजे हैं। महल में राजशाही परंपरा के साथ-साथ आधुनिक सुविधाओं का भी प्रंबंध किया गया है। जो पर्यटकों को बहुत आकर्षित करता है।
5. होटल ताजमहल पैलेस एंड टॉवरः मुंबई, महाराष्ट्र
भारत के राज्य महाराष्ट्र के मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया के के पीछे स्थित, ताजमहल पैलेस निर्विवाद रूप से मुंबई के सबसे प्रतिष्ठित स्थलों में से एक है और यह निश्चित रूप से देश के शीर्ष आलीशान ऐतिहासिक होटलों में से भी एक है। ताज महल होटल 104 साल पुरानी इमारत है। ताज होटल का निर्माण जमशेदजी टाटा ने 1903 में कराया था। यह होटल कई उच्च प्रोफ़ाइल राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर की मेजबानी कर गौरव कमा चुका है। यह होटल ताज समूह का हिस्सा है जिसके कारण इसकी भव्यता आज भी बरकरार है। यह होटल आधुनिक सुविधाओं से लैस है। इसमें अत्याधिक शानदार सुविधाओं के साथ 560 कमरे और 44 सूट हैं। मुंबई के आकर्षणों में से एक है ताज पैलेस जो अपनी नक्काशी के लिए विश्व प्रसिद्ध है। यह भी ऐतिहासिक इमारतों में आता है। यह होटल गेटवे ऑफ इण्डिया के सामने ही बना है। ताज होटल में 565 कमरे है। ताज होटल में रेस्टोरेंट, बार, कॉफी की दुकान, नाइट कल्ब, पेस्टी की दुकान, किताब की दुकान, शॉपिंग सेंटर, पार्किंग, स्विमिंग पूल, हेल्थ क्लब, गोल्फ़ आदि सुविधाएँ है।
ताजमहल होटल के पीछे एक कहानी है कि माना जाता है कि सिनेमा के जनक लुमायर भाईयों ने मुम्बई के आलीशान वोटसन होटल में अपनी 6 अलग अलग फ़िल्मों के प्रदर्शन आयोजित किए थे इन प्रदर्शन को देखने के लिए मात्र ब्रिटिश लोग आए थे, क्योंकि वोटसन होटल के बाहर एक तख्ती लगी रहती थी, जिस पर लिखा होता था- भारतीय और कुत्ते होटल में नहीं आ सकते हैं। टाटा समूह के जमशेदजी टाटा भी लुमायर भाईयों की फ़िल्में देखना चाहते थे, लेकिन उन्हें वोटसन होटल में प्रवेश नहीं मिला। रंगभेद की इस घृणित नीति के ख़िलाफ़ उन्होंनें आवाज़ उठाई और दो साल बाद वोटसन होटल की आभा को खत्म कर देने वाले भव्य ताजमहल होटल का निर्माण शुरू करवाया। 1903 में यह अति सुंदर होटल बनकर तैयार हो गया। कुछ समय तक इस होटल के दरवाज़े पर एक तख्ती भी लटकती थी जिस पर लिखा होता था – ब्रिटिश और बिल्लियाँ अंदर नहीं आ सकती। आज भी ताजमहल होटल मुंबई की शान है। जो भू पर्यटक यहां आते हैं उनकी सबसे पंसदीदा जगहों में से एक ताजमहल होटल है। यह आज भी पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है।
6. जहां नूमा पैलेसः भोपाल, मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश के भोपाल शहर के शाही इतिहास का जोहान नुमा पैलेस एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस महल की स्थापना 1890 में हुई थी। इसकी स्थापना ओबायदुल्ला खान, तत्कालीन शासक नवाब सुल्तान और भोपाल के पूर्व राज्य के कमांडर-इन-चीफ ने की थी। वर्तमान होटल वास्तव में जनरल ओबैदुल्ला खान के पोते का सपना था, जिसने अंततः महल को 101 लक्जरी कमरे और सूट और कई अन्य आलीशान सुविधाओं के साथ विश्व स्तरीय विरासत होटल के रूप में अपना नया और नवीनीकृत रूप दिया गया। आज, जंहा नुमा पैलेस को भारत में सबसे उच्च ऐतिहासिक होटलों में से एक माना जाता है।
7. ताज रामबाग पैलेसः जयपुर, राजस्थान
राजस्थान के जयपुर के महाराजा का पूर्व निवास रामबाग पैलेस अब एक उच्च, ऐतिहासिक होटल बन चुका है। वर्तमान में टाटा ग्रुप ऑफ होटल्स द्वारा संचालित यह भारत में सबसे अच्छे विरासत होटलों में से एक माना जाता है। इस महल में पहला कक्ष (कमरा) सन् 1835 में "गार्डन हाउस" बनाया था जो कि राजकुमार राम सिंह द्वितिय के लिए बनाया था। कई समय पश्चात यहाँ के महाराजा सवाई माधोसिंह ने 1887 में एक बड़ा "शाही शिकार कक्ष" नामक कक्ष बनाया था। 20वीं शताब्दी में रामबाग महल का "सैम्युल स्वींटन जैक़ब" ने कुछ डिज़ाईनें बनाकर विस्तार किया था। उसके पश्चात महाराजा सवाई मानसिंह द्वितिय ने इसको अपना राजकीय महल बना दिया था। भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व इसे अंग्रेजों ने राजकीय भवन बना दिया था। 1957 में यह घोषणा की गई कि इसे एक लग्ज़री होटल बना दी जाये , कुछ समय पश्चात इसे होटल के नाम से जाना जाने लगा। रामबाग पैलेस में अब 79 खूबसूरती से बहाल किए गए कमरे और सूट हैं जो सभी भव्य सेवाओं की पेशकश करते हैं। इस होटल का उद्देश्य अपने आगुंतकों को केवल शाही परिवारों और पंरपराओं का अनुभव करना है।
8. मैसून पेरुमलः पुदुच्चेरी
पुदुच्चेरी शहर की खबूसूरती में चार चांद लगाता मैसून पेरुमल होटल एक ऐतिहासिक विरासत वाला होटल है। यह एक प्राचीन लकड़ी का घर है जो अब एक खूबसूरत विरासत होटल में बदल गया है। यह होटल आज भी अपनी पुरानी पहचान को संजोए हुए है। कोरोमंडल तट की प्राकृतिक सुंदरता और पुदुच्चेरी के फ्रेंच प्रभाव और परिवेश के साथ घिरा हुआ मैसून पेरुमल तमिल परंपरा और आतिथि भाव का एक पूरा युग है। यहां आपकों फ्रेंच परंपरा भी मिलेगी और तमिल सभ्यता भी। यहां की वादियों की तरह ही यह होटल भी प्रकृति का प्रत्यक्ष उदाहरण है। यही कारण है कि पर्यटक इसकी ओर आकर्षित होते हैं।
9. रावला नारलाईः पाली, राजस्थान
राजस्थान के पाली शहर में एक घने जंगल के करीब, रावला नारलाई किला राजस्थान के गौरवशाली शाही अतीत के अवशेष को जीवित किए हुए हैं। होटल रावला नारलाई 17 वीं सदी के प्राचीन जोधपुर के शाही परिवार से संबंधित है। यह रणकपपुर से 36 किमी दूरी पर स्थित है। यहाँ पर विभिन्न हिन्दू और जैन मन्दिर हैं। यहाँ के आदिनाथ (जैन) और भगवान शिव के मन्दिर महत्वपूर्ण रूप से प्रसिद्ध मन्दिर हैं। इन मंदिरों की छत को भित्ति चित्रों के साथ सजाया गया है। परिवार के साथ एक लंबे ऐतिहासिक सम्बन्ध के बाद, जोधपुर के महाराजा स्वरुप सिंह जी ने अंततः किले को विरासत होटल में परिवर्तित करने के लिए मंजूरी दे दी थी। प्रकृति मां की गोद में स्थित, रावला नारलाई शिकार बंगले के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। यहां के कुल 25 कमरों को इस तरह से नवीनीकृत किया गया है कि आपको उन सभी पुरानी परंपराओं, रस्मों, फर्नीचर से लेकर सजावटी समानों तक में राजशाही झलक मिलती है। यहां की मेजबानी भी शाही परिवार की तरह की जाती है। शाही जिंदगी में रुचि रखने वालों के लिए यह होटल बहुत आकर्षक है।
10. चापस्लीः शिमला, हिमाचल प्रदेश
भारत के उत्तरी राज्य शिमला की ठंडी वादियों के बीच चापस्ली होटल एक ऐतिहासिक होटल है। औपनिवेशिक शासकों की पूर्व ग्रीष्मकालीन राजधानी शिमला को अपने कुछ ऐतिहासिक विरासतों का गौरव प्राप्त है। चापस्ली उन सुंदर होटलो में से एक है जो हमें सुंदर शहर के गौरवशाली अतीत को याद रखने में मदद करता है। चापस्ली कपूरथला के स्वर्गीय राजा चरणजी सिंह जी के ग्रीष्मकालीन निवास के रूप में इस्तेमाल किया जाता था जिसका प्रयोग अब शाही परंपराओं और आतिथियों के सम्मान के रुप में विरासत को बनाए रख किया जाता है। पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र चापस्ली होटल आज भी अपने अतीत के साथ ऐतिहासिक पंरपरा को बनाए हुए हैं।
11. नदेसर पैलेस होटलः वाराणसी, उत्तर प्रदेश
भारत की सांस्कृति वाराणसी की संस्कृति और सभ्यता को बनाए हुए नदेसर पैलेस भारत के सबसे प्राचीन होटलों में से एक है जिसने अब तक अपनी संस्कृति और सभ्यता, एवं परंपरा को जीवित रखा है। गंगा के तट पर स्थित, नदेरस पैलेस के पास 1835 से राजशाही पंरपरा है। इस पैलेस को 18वीं सदी के आखिर में महाराजा बनारस ने जेम्स प्रिंसेप के कहने पर मेहमानों के लिए बनवाया था। उस समय जेम्स प्रिंसेप वाराणसी के प्राचीन इतिहास पर काम कर रहे थे और इसी दौरान प्रिंसेप ने अपनी देखरेख में नदेसर कोठी की रिमॉडलिंग करवाई थी। इस कोठी के पास 1795 में अंग्रेज अफसरों के ठहरने के लिए मिण्ट हाऊस भी बनवाया गया था। 18 वीं शताब्दी के आखिर में बंगाल प्रेसीडेंसी ने जेम्स प्रिंसेप को बनारस कमेटी का सचिव चुना। उसी समय जेम्स प्रिंसेप ने बनारस का नक्शा बनाया और सीवेज लाइन भी डलवाई। प्रिंसेप ने ही मिण्ट हाउस और नदेसर कोठी को नया रूप दिया। ताज समूह के तहत अब यह एक सुरुचिपूर्ण विरासत होटल है जो अद्भुद महल है, जो दुनिया भर की कलाकृतियों का राजसी संग्रह है। राजसी ठाठ-बाट वाले नदेसर पैलेस में वर्ष 2014 में रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुखिया मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी के जन्म दिन समारोह को आयोजित किया गया था। इसके अलावा वर्ष 2015 में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ वाराणसी आए जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे भी इसी पैलेस में तमाम कार्यक्रमों में सम्मिलित हुए थे। इन विशिष्ट अतिथियों के अलावा लार्ड माउंट बेटन से लेकर इरान, सऊदी, अरब, नेपाल व भूटान के राजा, तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू भी नदेसर पैलेस के अतिथियों के रूप में यहां प्रवास कर चुके हैं।
12. समोड पैलेसः जयपुर, राजस्थान
समोड पैलेस भारत की सबसे पुरानी संरचनाओं में से एक है जिसने अब तक 475 से अधिक वर्षों के तक का गौरवशाली अतीत देख लिया है। यह आज भी राजस्थान की शानदार शाही भव्यता का अनुभव करने के लिए पूरी दुनिया से मेहमानों का स्वागत करता है। राजस्थान के जयपुर में स्थित यह महल इसलिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि वास्तव में यह राज्य में एम्बर और जयपुर रियासत के 'महारावल' के वंशानुगत शीर्षक का उपयोग करके एक महान विद्रोह से संबंधित है। यह एकीकृत मुगल और राजस्थानी वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण है। एक समय पर यह समृद्धता और महिमा के साथ सामंती प्रभुताओं का एक भव्य निवास था जो अब एक शानदार ऐतिहासिक होटल के रुप में बदल चुका है। जयपुर का यह सामोद पैलेस अपनी वास्तुकला और भव्यता के लिए प्रसिद्ध है। वर्तमान समय में यह पैलेस एक लक्जरी होटल में परिवर्तित हो गया है जो जयपुर शहर से छोटी दूरी पर ही स्थित है। 4000 साल पुराने इस महल में, पर्यटक सामोद गार्डन, सामोद किला और दरबार तम्बू भी देख सकते हैं।
13. उषा किरण पैलेसः ग्वालियर, मध्य प्रदेश
उषा किरण ग्वालियर मध्यप्रदेश के एक सुरम्य परिदृश्य के बीच एक खूबसूरत महल है। यह महल 120 वर्षों से शाही सेवाएं उपलब्ध करा रहा है। इस महल ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय उच्च प्रोफ़ाइल व्यक्तियों की मेजबानी की है इतना ही नहीं एक समय पर यहां इंग्लैंड के राजा के अलावा कोई भी नहीं रहता था। आज यह महल ऐतिहासिक होटल के रुप में परिवर्तित हो चुका है। महल सुंदर वास्तुशिल्प कला का अद्भुद नमुना है। जिसमें कुछ सबसे जटिल कलात्मक कार्य किए गए हैं जो इसका गौरव है। उषा किरण पैलेस अब ताज समूह द्वारा संचालित है। इसके 40 संशोधित कमरों को शाही पंरपरा के साथ एक उच्च विरासत होटल के रूप में नविनीकृत किया गया है। जिससे पर्यटक यहां आकर्षित होकर आते हैं।
14. होटल लेक पैलेसः कुमारकोम, केरल
कुमारकोम में शांत वेम्बनाद झील के प्राचीन तट पर स्थित है होटल लेक पैलेस देश में महान ऐतिहासिक होटलों का एक और उदाहरण है। लेक पैलेस होटल केरल के पारंपरिक वास्तुकला का एक सुंदर सम्मेलन है और सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ मेजबानी के लिए प्रयुक्त है। इसकी यही बात इसे विश्व स्तर पर सबसे प्रतिष्ठित विरासत होटलों में से एक बनाती हैं। होटल के चारों ओर प्राकृतिक सुंदरता, आत्म शांति के केन्द्रप और शाही रुतबे के पुराने स्वाद को याद दिलाने वाली सिबिटिक भव्यता इसे पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बनाती है।
15. उदय बिलास पैलेसः डुंगरपुर, राजस्थान
उत्तम राजपूत वास्तुकला, सुंदर लघु चित्रों, नाजुक कलाओं और नक्काशी के साथ लादेन, उदय बिलास पैलेस एक ऐसा स्थान है जहां शाही राजपूताना का पुनर्निर्माण किया जाता है, सभी शाही महिमाओं और राजसी आकर्षण यहां आज भी बरकरार रहते हैं। यह महल प्राकृतिक समृद्धि के बीच स्थित है। उदय बिलास पैलेस का नाम महाराज युधिय सिंह द्वितीय के नाम पर रखा गया है। इसका हड़ताली डिजाइन क्लासिक राजपूत वास्तुशिल्प शैली का पालन करता है और इसकी बालकनी, मेहराब और खिड़कियों में विस्तृत डिजाइन का दावा करता है। पारेवा नामक स्थानीय नीले भूरे रंग के पत्थर के बने एक सुंदर पंख झील को नजरअंदाज करते हैं। महल को रानीवास, उदय बिलास और कृष्ण प्रकाश में विभाजित किया गया है, जिसे एक तिम्बीयमहल भी कहा जाता है। उदय बिलास महल राजा महारावल उदय सिंह द्वितीय का राजसी आवास है जो वास्तुकला और कला के प्रशंसक थे। इस स्थान की वास्तुकला राजपुताना शैली की है। जाति डिज़ाइन वाले छज्जे, खिड़कियाँ, मेहराब, खम्बे और पैनल पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं। यह रमणीय स्थान गैब सागर झील के किनारे स्थित है। इस महल के निर्माण में परेवा और बलवारिया पत्थरों का उपयोग किया गया है। इस महल के तीन भाग हैं जिन्हें रनिवास, उदयबिलास और कृष्ण प्रकाश या थम्बिया महल कहा जाता है। वर्तमान में यह महल राजस्थान का एक प्रसिद्द विरासत होटल है।
16. रोहित गढ़ पैलेसः रोहित, राजस्थान
राजस्थान की राजशाही पंरपरा और सभ्यता को प्रदर्शित करता रोहित गढ़ पैलेस ऐतिहासित होटलों में से एक है। यह एक और पुरानी इमारत है जिसे एक सुंदर विरासत होटल के रूप में संशोधित और पुनपरिवर्तित किया गया है। रोहित गढ़ पैलेस एक ऐसी जगह है जहां आप बार-बार आना चाहगें हैं। झीलों, जंगलों और पूर्ण शांति से परिपूर्ण यह जगह आपकों प्राकृतिक सुंदरता के साथ जीने का अनुभव प्रदान करती है। जोधपुर के पास रोहित गढ़ पैलेस में वह सब कुछ है जो शाही महल आपको प्रदान कर सकता है। होटल में आनंद और शाही महिमा में शामिल होने के लिए 35 शानदार ढंग से नवीनीकृत कमरे और कई अन्य राजशाही सुविधाए हैं। रोहित गढ़ पैलेस होटल इतिहासकार पैट्रिक फ्रांसीसी, प्रतिष्ठित लेखक विलियम डेल्रीम्पल, पत्रकार साइमन विनचेस्टर और कई अन्य नामों सहित कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मेहमानों की मेजबानी कर गर्व कमा चुका है।
17. नीमराना किला पैलेसः राजस्थान
नीमराना किला विरासत होटल में परिवर्तित किलों का एक और प्रभावशाली उदाहरण है। दिल्ली-जयपुर राजमार्ग में स्थित नीमराना किला विशेष रूप से 1464 में मुहम्मद घोरी की दुखी हार के बाद पृथ्वीराज चौहान तृतीय के राजपूत वंशजों की तीसरी राजधानी स्थापित करने के लिए स्थापित किया गया था। 15 वी शताब्दी में बनाया हुआ राजस्थान का नीमराना किला काफी पुराना और प्रसिद्ध किला है। यह किला दुनिया के सबसे पुराने अरावली पर्वत में स्थित है। इस किले पर बहुत पुराने समय में पृथ्वीराज चौहान के वंश के राजा महाराजा शासन करते थे। उन्होंने बहुत सालों तक इसी किले पर निवास किया था। लेकिन अब यह किला केवल होटल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। नीमराना फोर्ट पैलेस रिसोर्ट के रूप में इस्तेमाल की जा रही भारत की सबसे पुरानी ऐतिहासिक इमारतों में से एक है। यह 1947 तक चौहानों द्वारा शासित 14 वीं सदी के पहाड़ी किले का स्थल है। नीमराना का स्वामित्व मात्र 16 साल की उम्र के कुट्टू के पास है, जो इसके अंतिम शासक है और उन्होंने प्रीवी पर्स के उन्मूलन के बाद किले के रखरखाव में असमर्थ होने के कारण इसे नीमराना होटल्स नामक एक समूह को बेच दिया, जिसे इसने एक हेरिटेज (विरासत) होटल में बदल दिया। यहां कमरे केवल दिन भर के इस्तेमाल के लिए भी मिल जाते हैं और अगर आप खाली सैर करना चाहते हैं, तो टिकट लेकर 2 घंटे के लिए महल की भव्यता का लुत्फ उठा सकते हैं। नीमराना फोर्ट के इंटीरियर में अंग्रजों के दौर की छाप नजर आती है। इसमें ओपन स्विमिंग पूल भी बना है।
18. ललिथा महल पैलेसः मैसूर, कर्नाटक
मैसूर के शाही शहर के बाहरी इलाके में एक कम पहाड़ी पर स्थित, अद्भुत सफेद वास्तुकला, और शानदार राजशाही परंपराओं का अद्भुद नमुना पेश करता ललिथा मेहल एक ऐतिहासिक महल है। इस सुंदर महल को मुख्य रूप से 1921 में भारत के तत्कालीन वाइसराय के अलावा किसी अन्य की मेजबानी के लिए स्थापित नहीं किया गया था। लेकिन अब, ललिथा महल भारत के सबसे प्रमुख विरासत होटलों में से एक है जो आपको महाराजा के अपने महल में एक महत्वपूर्ण अतिथि की तरह महसूस करने के लिए सभी शाही सुविधाएं प्रदान करता है। ललिता महल मैसूर का दूसरा सबसे बड़ा महल है। यह चामुंडी हिल के निकट, मैसूर शहर के पूर्वी ओर कर्नाटक राज्य में स्थित है। इस महल का निर्माण 1921 में मैसूर के तत्कालीन महाराजा कृष्णराज वोडेयार चतुर्थ के आदेशानुसार हुआ था। इस भव्य महल को शुद्ध सफेद रंग से पोता गया है। इसे 1974 में एक विरासत होटल के रूप में परिवर्तित किया गया था। यह अब भारत सरकार के तहत भारत पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) के अन्तर्गत अशोक ग्रुप के एक विशिष्ट होटल के रूप में चलाया जाता है। हालांकि, महल के मूल शाही माहौल को पहले जैसा ही बनाए रखा गया है।
19. देवी गढ़ होटलः उदयपुर, राजस्थान
देवी गढ़ पैलेस एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित एक शानदार महल है यह एक सुरम्य प्राकृतिक महिमा से घिरा हुआ है। इस पैलेस को 18वीं और 20वीं शताब्दी के मध्य के डेलवाड़ा रियासत, उदयपुर के शासकों द्वारा निवास स्थान के रुप में स्थापित किया गया था। यह होटल अब कई अंतराष्ट्रीय सर्वेक्षणों के अनुसार, भारत के अग्रणी राजशाही ऐतिहासिक होटल में से एक माना जाता है। पहाड़ियों की अद्भुत अरवलीली रेंज के बीच स्थित, देवगढ़ पैलेस उदयपुर शानदार रिसॉर्ट में से एक है। पहाड़ी के किनारे पर स्थित, किले को शानदार विरासत होटल में बहाल किया गया था, यह शेखावाटी क्षेत्र के एक व्यापारी द्वारा अधिग्रहण के बाद किया गया था। बहाली के काम को पूरा करने में 15 साल से अधिक समय लगे। देवीगढ़ पैलेस में शास्त्रीय अंदरूनी सुविधाओं के साथ 39 लक्जरी साइट शामिल हैं और कक्षा वास्तुशिल्प डिजाइनों में सर्वश्रेष्ठ हैं। इस होटल में ब्रिटिश मॉडल-अभिनेत्री लिज़ हर्ली और उसके एनआरआई प्रेमी अरुण नायर ने लीज़ का जन्मदिन मनाने के लिए देविगढ़ पैलेस का दौरा किया था। महल में अमिताभ बच्चन, सैफ अली खान और फरदीन खान और अंबानी जैसे मशहूर हस्तियां रही है। अमिताभ बच्चन अभिनीत प्रसिद्ध बॉलीवुड फिल्म “एकलव्य: द रॉयल गार्ड” देवीगढ़ पैलेस में बड़े पैमाने पर यही बनायीं गयी थी। यही कारण है कि यह महल पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है।
20. ललित ग्रैंड पैलेसः श्रीनगर
भारत के सबसे सुंदर शहर श्रीनगर में स्थित ललित ग्रैंड पैलेस एक ऐतिहासिक महल है। यह नवीनीकृत महल, आकर्षक डल झील के सामने महाराजा का नियमित निवास स्थान था जो मूल रूप से महाराजा प्रताप सिंह द्वारा 1910 में बनाया गया था। लेकिन अब यह पैलेस एक भव्य विरासत होटल है। जो अपने मेहमानों को भगवान के समान मान उनकी मेजबानी करता है। सुंदर वादियों में स्थित यह होटल अपनी पौराणिक कलाओं और पंरपाओं के लिए प्रसिद्ध है। यही कारण है कि पर्यटक इस होटल की और आकर्षित होते हैं और राजशाही जीवन का आनंद लेते हैं।