भारत के शीर्ष क्रिकेट स्टेडियमों की सूची है:
ईडन गार्डनः कोलकाता, पश्चिम बंगाल
बंगाल का गौरव, ईडन गार्डन बैठने की क्षमता से दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है। इस क्रिकेट स्टेडियम की स्थापना वर्ष 1864 में हुई थी। कोलकाता का ईडन गार्डन भारत का सबसे अधिक दर्शक क्षमता वाला क्रिकेट स्टेडियम है जहां एक साथ लगभग 66 हजार दर्शक मैच का लुत्फ उठा सकते हैं। यह भारत का सबसे बड़ा और दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है। साथ ही यह बंगाल क्रिकेट टीम और 2012 की आईपीएल चैंपियन कोलकाता नाइट राइडर्स का होम ग्राउंड भी है। ईडन गार्डन का स्वामित्व बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) के हाथों में है और यह भारत के सबसे लोकप्रिय क्रिकेट मैदानों में से एक है। ईडन गार्डन में पहला मैच 1934 में भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया था।
1864 में इसकी स्थापना के बाद से अब तक यहां 39 टेस्ट, 28 वनडे और एक टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले जा चुके हैं। ईडन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के कई ऐतिहासिक मुकाबले देखे हैं। इनमें शामिल हैं ऐलेन बॉर्डर की कप्तानी में ऑस्ट्रेलियाई टीम की पहली बार वर्ल्ड कप जीत, वनडे क्रिकेट में रोहित शर्मा (264) की सर्वाधिक व्यक्तिगत रनों की पारी और 2001 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वो ऐतिहासिक टेस्ट जिसमें वीवीएस लक्ष्मण ने इस मैदान पर 281 रनों की सबसे बड़ी टेस्ट पारी खेली और राहुल द्रविड़ के साथ मिलकर 376 रनों की अटूट साझेदारी निभाई। इन दोनों की उस जुझारू पारी की बदौलत भारत ने ऑस्ट्रेलिया को जीतने नहीं दिया और अंततः सीरीज 2-1 से अपने नाम की। इस मैदान पर वीवीएस लक्ष्मण और मोहम्मद अजहरुद्दीन ने सर्वाधिक पांच-पांच शतक जड़े हैं। इसके अलावा इसी मैदान पर 1991 में कपिल देव ने श्रीलंका के खिलाफ हैट्रिक ली थी।
भारत में ईडन गार्डन की पहचान क्रिकेट के मक्का लॉर्ड्स की तरह ही है। एक प्रसिद्ध उद्धरण है कि ‘एक क्रिकेटर का करियर तब तक पूरा नहीं होता जब तक कि वो दर्शकों से भरे ईडन गार्ड्न्स में नहीं खेलता।’ 1 991 में श्रीलंका के खिलाफ कपिल देव ने वनडे हैट-ट्रिक यहां पर ही ली थी। 2000/01 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हरभजन सिंह की अविस्मरणीय हैट-ट्रिक को कौन भूल सकता है। वह टेस्ट क्रिकेट में हैट-ट्रिक रखने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने थे। ईडन गार्डन ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 2013 में सचिन तेंदुलकर के क्रिकेट करियर के अंतिम 199 वें टेस्ट मैच की भी मेजबानी की थी।
वानखेड़े स्टेडियमः मुंबई, महाराष्ट्र
महाराष्ट्र के मुंबई में यह प्रतिष्ठित स्टेडियम भारत के कई उच्च प्रदर्शनकरी मैचों और कई अन्य अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीमों के खेल के सभी रूपों का गवाह बन चुका है। वानखेड़े स्टेडियम की स्थापना मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन और क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया के बीच गंभीर विवाद के परिणाम के रूप में मुंबई में 1974 में हुई थी। वानखेड़े स्टेडियम का नाम राजनेता सेशराव कृष्णराव वानखेड़े के नाम पर रखा गया है, जो एक बेहतरीन क्रिकेट प्रबंधक भी थे। वानेखेडे स्टेडियम आईपीएल की मुंबई इंडियंस टीम का घरेलू मैदान है। शुरुआत में यहां 45000 दर्शकों के बैठने के क्षमता थी, लेकिन 2011 वनडे वर्ल्ड कप के लिए हुए स्टेडियम के नवीनीकरण के बाद ये क्षमता घटकर 33000 की रह गई।
समुद्र के पास स्थित मुंबई के वानखेडे स्टेडियम ने अपने 41 साल के इतिहास में कई हाई वॉल्टेज मुकाबलों की मेजबानी की है और हर भारतीय क्रिकेट प्रशंसक के दिल में वानखेडे की एक अलग पहचान है बावजूद इसके की वानखेडे स्टेडियम का निर्माण बॉम्बे जिमखाना और ब्रेबोर्न स्टेडियम के बाद में हुआ। वानखेड़े स्टेडियम दर्शकों को बैठाने के मामले में भारत का दूसरा सबसे बड़ा स्टेडियम है। आजकल यहां 33,108 लोग बैठ कर मैच का मजा ले सकते हैं। पहले यहां की कैपेसिटी 45,000 थी। 2011 का विश्वकप फाइनल हो , सचिन तेंदुलकर का आखिरी आंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच हो या फिर 2016 टी20 वर्ल्ड कप का दिलतोड़ देने वाला फाइनल मुकाबला, 1975 में पहले मैच की मेज़बानी से लेकर आज तक मुंबई के ऐतिहासिक वानखेड़े स्टेडियम ने क्रिकेट फैंस को अनेक यादगार लम्हें दिए हैं।
ये वही वानखेडे स्टेडियम है जहां रवि शास्त्री ने रणजी ट्रॉफी में एक ओवर में छह छक्के लगाने का कारनामा किया था। बीते सालों में, खासतौर पर वनडे और टी 20 मुकाबलों के लिए वानखेडे स्टेडियम की ऐसी छवी बनी है जहां बल्लेबाज़ों के लिए तेज़ी से रन बनाना आसान है। बांग्लादेश ने इस मैदान पर एक दिवसीय मैच का न्यूनतम स्कोर बनाया है। यह बात सन् 1998 का है और बांग्लादेश की टीम भारत के खिलाफ खेलते हुए 115 रन पर ऑल आउट हो गयी थी।
सवाई मान सिंह स्टेडियम, जयपुर, राजस्थान
सवाई मान सिंह स्टेडियम जयपुर में स्थित है और यह भारत के प्रमुख क्रिकेट स्टेडियमों में से एक है। स्टेडियम की स्थापना महाराजा सवाई मान सिंह द्वितीय के शासनकाल के दौरान भी हुई थी, इसलिए स्टेडियम को एसएमएस स्टेडियम भी कहा जाता है। एसएमएस स्टेडियम लंबे समय से नियमित रूप से ओडीआई के मैच आयोजित कर रहा है। भारत के मौजूदा कप्तान विराट कोहली ने इस मैदान पर भारत के लिए सबसे तेज एकदिवसीय शतक बनाया था। इसकी क्षमता 48,000 दर्शकों की है। स्टेदडियम पर पहला एकमात्र टेस्ट मैच 21 फरवरी, 1987 को भारत और पाकिस्तान के बीच खेला गया था। इस मैच का आयोजन भारत और पाकिस्ता न के बीच शांति वार्ता के तौर पर किया गया था। इस मैच में पाकिस्ता्नी खिलाड़ी युनूस अहमद ने 17 साल के बाद टेस्ट मैचों में वापसी की थी। दूसरी ओर सुनील गावस्क़र इस मैच में पहली गेंद पर आउट हो गए थे। इस स्टेूडियम में पहला एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच 2 अक्टूबबर, 1983 को खेला गया। भारत और पाकिस्तांन के बीच खेले गए इस मैच को भारत ने 4 विकेट से जीता। इस मैदान ने दो विश्वै कप मैचों की मेजबानी की है। पहला मैच 1987 के विश्व कप के दौरान खेला गया और दूसरा 1996 के विश्व कप के दौरान। पहले मैच में वेस्टशइंडीज ऑस्ट्रेगलिया से हार गया था, वहीं दूसरे मैच में उसने ऑस्ट्र लिया को हराया था। 1987 और 1996 में यहां विश्व कप के दो मैच खेले जा चुके हैं। 1987 में भारत औैर पाकिस्तान के बीच टेस्ट मैच खेला गया था जिसे देखने खुद पाकिस्तान के राष्ट्रपति जिया उल हक आए थे।
फिरोज शाह कोटलाः दिल्ली
भारत का दूसरा सबसे पुराना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैदान जो अभी भी क्रिकेट मैच आयोजित करता है वो है देश की राजधानी दिल्ली में स्थित फिरोज शाह कोटला स्टेडियम। यह देश के शीर्ष क्रिकेट स्टेडियमों में से एक है। यह स्टेडियम 1883 में स्थापित किया गया था यह स्टेडियम 1948 से सैकड़ों अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों की मेजबानी कर रहा है। इस मैदान में इतिहास में कुछ सबसे प्रतिष्ठित क्रिकेट प्रदर्शन हुए। 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ इस मैदान पर अनिल कुंबले ने एक पारी में 10 विकेट लिए थे। सचिन तेंदुलकर ने 2006 में फिरोज शाह में अपना 35वां शतक बनाया था। फिरोज शाह कोटला स्टेंडियम का नामकरण दिल्ली के शासक फिरोज शाह तुगलक के नाम पर किया गया है। फिरोज शाह ने सन् 1351 से 1388 तक दिल्लीि पर शासन किया था। आजादी के बाद पहला क्रिकेट मैच इसी स्टेसडियम में नवंबर, 1948 में खेला गया था। यह जॉन गॉडर्ड के नेतृत्वै में आई वेस्टडइंडीज की टीम के साथ खेला गया था। इस मैदान पर दसवें विकेट की रिकॉर्ड साझेदारी दर्ज है। पाकिस्ताेन के खिलाफ 1952 में भारत के हेमू अधिकारी और गुलाम अहमद ने दसवें विकेट की साझेदारी करते हुए 109 रन जोड़े थे, जो आज भी एक रिकॉर्ड है। सन 1965 में अपना पहला टेस्टु मैच खेलते हुए एस. वेंकटराघवन ने न्यूकजीलैंड के खिलाफ 72 रन देकर 8 विकेट और दूसरी पारी में 80 रन देकर 4 विकेट चटखाए थे। सबसे बड़ा टेस्टट स्कोकर सन 1958-59 में वेस्टूइंडीज ने भारत के विरुद्ध बनाया था। इंडीज ने 644/8 का स्कोर बनाया था। सबसे कम टेस्ट स्कोसर 1987-88 में भारत ने वेस्ट4इंडीज के खिलाफ बनाया था, जो कि 75 रन है। एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच का सबसे बड़ा स्को र 2004-05 में पाकिस्ताैन ने 303 रन बनाया था।
एमसीए स्टेडियमः पुणे, महाराष्ट्र
भारत में एक और मशहूर क्रिकेट स्टेडियम पुणे क्रिकेट स्टेडियम है। यह महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन का स्टेडियम है। इसकी स्थापनी 2012 में हुई थी। एमसीए स्टेडियम एक विचार का नतीजा था क्योंकि महाराष्ट्र में भारत के बढ़ते क्रिकेट दर्शकों को समायोजित करने के लिए महाराष्ट्र को एक और क्रिकेट मैदान की जरूरत थी। एमसीए स्टेडियम महाराष्ट्र क्रिकेट टीम के लिए घरेलु स्टेडियम है और एमसीए का मुख्यालय भी है। महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम पुणे ,महाराष्ट्र में स्थित एक क्रिकेट स्टेडियम है पहले इस स्टेडियम का नाम सुब्रत रॉय सहारा स्टेडियम था। यह भारत का सबसे नया स्टेडियम है जो कई नयी तरह की सुविधाओं से लैस है। यहाँ आप सभी तरह के खेल की सुविधा पाएंगें। इसे भारत के सबसे उन्नत और नए स्टेडियम में से एक माना जाता है। स्टेडियम के अलावा आप यहाँ स्विमिंग पूल, स्क्वाश और बैडमिंटन कोर्ट, बार और रेस्टोरेंट भी है। यहां पहला मैच वर्ष 2013 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया था।
डीवाई पाटिल स्टेडियमः नवी मुंबई, महाराष्ट्र
उच्च श्रेणी की सुविधाओं वाले क्रिकेट स्टेडियमों के लीग में सबसे नए जोड़े में से एक, मुंबई का डीवाई पाटिल स्टेडियम है। यह भारत के शीर्ष स्टेडियमों में से एक है। जो कई अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी करता है। 2008 से इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के मैचों के लिए 60,000 लोगों की विशाल क्षमता वाला डीवाई पाटिल स्टेडियम एक महत्वपूर्ण स्थान बन कर उभरा है। आईपीएल 2008 के फाइनल की मेजबानी करने वाले इस स्टेडियम को ‘ब्रिटिश आर्टेक्चरल जर्नल’ ने दुनिया का छठा सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट स्टेडियम आँका है।
एम चिन्नास्वामी स्टेडियमः बैंगलोर, कर्नाटक
सुंदर क्यूबोन पार्क और क्वीन रोड के बगल में घिरा हुआ, एम चिन्नास्वामी स्टेडियम भारत के शीर्ष क्रिकेट स्टेडियमों में से एक है। एम चिन्नास्वामी स्टेडियम को पहले कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम के रूप में जाना जाता था और बाद में इसका नाम बदलकर श्री एम चिन्नास्वामी भारतीय क्रिकेट नियामक मंडल (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष के नाम पर रखा गया। चिन्नास्वामी स्टेडियम की स्थापना 1 970-71 में हुई थी और यह 1972 से टेस्ट मैचों, ओडीआई और राज्य स्तरीय प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैचों के लिए नियमित मेजबानी कर रहा है। चिन्नास्वामी स्टेडिम में 55000 दर्शकों के बैठने की क्षमता है। पहली बार इस मैदान पर भारत के साथ टेस्ट खेलने वाली टीम वेस्टइंडीज थी, हालाँकि इस समय तक स्टेरडियम का निर्माण कार्य चल रहा था। इस मैच की मजेदार बात यह थी कि वेस्टकइंडीज के दो महान खिलाड़ी विव रिचडर्स और गॉर्डर्न ग्रिनीज का पहला मैच था। इसके बाद यह स्टेलडियम 1987 में सुनील गावस्क र की पाकिस्ता न के खिलाफ खेली गई आतिशी पारी का गवाह बना। 1996 में भारत में हुए विश्वट कप के दौरान स्टेतडियम का एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तरर की सुविधाएँ दी गईं।
इस दौरान स्टेईडियम में फ्लड लाइट लगाए गए, जिसकी रोशनी में भारत और पाकिस्ता न अपने क्वांर्टर फाइनल में एक-दूसरे से भिड़े। दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेालिया और पाकिस्तारन ने यहाँ पर अपने कई महत्व पूर्ण मैच जीते। दक्षिण अफ्रीका की 2000 में सीरीज की ऐतिहासिक जीत, माइकल क्ला र्क के पहले मैच का रोमांचकारी सैकड़ा, इंजमाम का शतक भी इस स्टेहडियम के इतिहास में दर्ज है।
राजीव गांधी अंतराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियमः हैदराबाद, तेलंगाना
राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम हैदराबाद, तेलंगाना में स्थित भारत का प्रमुख क्रिकेट स्टेडियम है और हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन का घरेलु मैदान है। यह उप्पल में स्थित है, जो शहर का एक पूर्वी उपनगरहै। इसमें वर्तमान में 65,000 की अधिकतम क्षमता वाले दर्शकों की क्षमता है। यह 16 एकड़ (65,000 एम 2) भूमि में फैला हुआ है। सिरों का नाम पैविलियन एंड और नॉर्थ एंड है। वीवीएस लक्ष्मण की सेवानिवृत्ति पर, एचसीए ने उसके बाद उत्तर अंत का नाम देकर राज्य के नायक का सम्मान करने का निर्णय लिया। यह कई उच्च श्रेणी के क्रिकेट स्टेडियमों की सूची में हाल ही में जोड़ा गया है। राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम 2004 में अपनी स्थापना के बाद से कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों की मेजबानी कर रहा है। हैदराबाद के प्रतिनिधि दल, सनराइज हैदराबाद टीम के लिए यह उनका घरेलु मैदान भी है। आईपीएल में हैदराबाद को हाल ही में एक नया क्रिकेट स्टेडियम विशाखा इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम मिला है, जिसका नाम परिवर्तित करके राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम रखा गया है। इन्डोर खेलों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से यहाँ एक इन्डोर स्टेडियम भी बनाया गया है। वर्ष 2002 में 'राष्ट्रीय खेल' के मेजबान के रूप में इस शहर का चयन किया गया था और देश में विश्व स्तरीय स्टेडियम हेतु पहल की गई थी। बाद में इस स्टेडियम को 2003 में आयोजित एफ्रो एशियाई खेलों की मेजबानी का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आज हैदराबाद में अंतरराष्ट्रीय मानक के कई बड़े और विविध स्टेडियम हैं।
विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन (वीसीए) स्टेडियमः नागपुर, महाराष्ट्र
विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन (वीसीए) स्टेडियम एक और नव निर्मित क्रिकेट ग्राउंड है जिसे वास्तव में पुराने विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन ग्राउंड के प्रतिस्थापन के रूप में स्थापित किया गया था। अंतराष्ट्रीय क्रिकेट बोर्ड (आईसीसी) द्वारा स्टेडियम की उच्च श्रेणी की सुविधाओं और सबसे उन्नत तकनीकी सहायता की भी सराहना की गई और अब विदर्भ स्टेडियम को भारत के शीर्ष क्रिकेट स्टेडियम में से एक माना जाता है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच विदर्भ क्रिकेट संघ (वीसीए) की मेजबानी में होने वाले चौथे और अंतिम क्रिकेट टेस्ट मैच के साथ ही देश का एक और टेस्ट मैदान दर्शकों के समाने आया जो नागपुर से 16 किलोमीटर दूर जामथा में स्थित है। इस स्टेडियम में 45 हजार दर्शकों के बैठने क्षमता है। इसे व्यस्त नागपुर हैदराबाद हाइवे के समीप 33 एकड़ में बनाया गया है। इस स्टेडियम में सिविल लाइन्स में मौजूद स्टेडियम की तुलना में 10 हजार अधिक दर्शक क्रिकेट का लुत्फ उठा सकते हैं। आधुनिक सुविधाओं से युक्त इस स्टेडियम में दर्शकों के लिए प्लास्टिक की फिक्ड्से कुर्सियों के अलावा गद्देदार कुर्सियों की व्यवस्था भी है। कॉरपोरेट जगत के लिए विशेष वातानुकूलित कैबिन भी बनाया गया है। अब तक यह कई मैचों की मेजबानी कर चुका है।
सरदार पटेल स्टेडियमः अहमदाबाद, गुजरात
सरदार पटेल स्टेडियम भारत में एक और शीर्ष क्रिकेट स्टेडियम है। सरदार पटेल गुजरात स्टेडियम गुजरात के राजधानी शहर अहमदाबाद के मोटेरा इलाके में है। यह अपने स्थान की वजह से मोटेरा स्टेडियम के रूप में भी जाना जाता है। सरदार पटेल गुजरात स्टेडियम 1983 में अपनी स्थापना के बाद से नियमित आधार पर महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी कर रहा है। इस मैदान में सुनील गावसकर ने टेस्ट क्रिकेट में 10,000 रन बनाने वाले कुछ सबसे प्रतिष्ठित प्रदर्शनों को देखा। भारत के कई दिग्गज खिलाड़ी कपिल देव, सुनील गावस्कर से लेकर सचिन तेंडुलकर के कई वर्ल्ड रिकॉर्डों का यह गवाह रहा है। 1982 में मोटेरा स्टेडियम का निर्माण कार्य शुरू हुआ था, जिसे सिर्फ 9 महीने में ही पूरा कर लिया गया था। यहां 1983 में यहां पहला टेस्ट मैच खेला गया था। इसके बाद 2006 में यहां फ्लड लाइट की भी व्यवस्था की गई। इसके बाद यहां डे-नाइट मैचों की शुरुआत हुई। मोटेरा में अभी तक सभी तरह के मैच का आयोजन किया गया है। वन डे, टेस्ट और टी-20 के अलावा 1987, 1996 और 2011 क्रिकेट वर्ल्ड कप के मैच खेले गए थे। आईपीएल के कई टी-20 मैच भी यहां हुए। 2011 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में सचिन तेंदुलकर ने 18000 रन पूरा करने का रिकॉर्ड बनाया था। कपिल देव ने टेस्ट क्रिकेट में अपना 432वां विकेट इसी मैदान में लेकर सर रिचर्ड हेडली का रिकॉर्ड तोड़ा था। 1987 में सुनील गावस्कर ने इसी मैदान पर टेस्ट मैच में पहली हाफ सेंचुरी बनाई थी। 1985 में ऑस्ट्रेलिया-इंडिया के बीच वन-डे सीरीज हुई थी, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने जीत दर्ज की थी। 1983 में इस मैदान पर पहला टेस्ट भारत-वेस्टइंडीज के बीच खेला गया था। अभी इस स्टेडियम को विश्व स्तरीय बनाने का काम चल रहा है जिसके बाद यहां दर्शक क्षमता एक लाख 10 हजार की होगी। यह प्रोजेक्ट गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन (जीसीए) की देखरेख में चल रहा है। स्टेडियम का कुल क्षेत्रफल 63 एकड़ का है। स्टेडियम को वर्ल्ड क्लास का बनाया जा रहा है। यहां पर खिलाड़ियों के लिए भी तमाम सुविधाएं मौजूद होंगी। सुविधाओं के साथ-साथ आधुनिक टेक्नालॉजी का भी उपयोग किया जाएगा। क्रिकेट सीखने वालों को विशेष सुविधाएं भी दी जाएंगी। नए मैदान में क्रिकेट के अलावा टेनिस कोर्ट भी होगा।
जवाहर लाल नेहरू स्टेडियमः कोच्चि, केरल
मूल रूप से फुटबॉल मैदान के रूप में स्थापित, कोच्चि का जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम अब भारत में एक प्रमुख क्रिकेट स्टेडियम के रुप में जाना जाता है। जिसमें 60,000 से अधिक लोगों के बैठने की विशाल क्षमता है। विशिष्ट वास्तुशिल्प शैलियों के कारण, स्टेडियम को दुनिया का सबसे अलग क्रिकेट स्टेडियम माना जाता है। जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम अब सभी प्रकार के राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और राज्य स्तरीय क्रिकेट मैचों की मेजबानी के लिए एक नियमित स्थान है। 60 हजार दर्शकों की क्षमता वाले जवाहर लाल नेहरु स्टेडियम में पहले क्रिकेट मैच खेले गए। इसके बाद इंडियन सुपर लीग के दौरान ये सचिन तेंदुलकर की स्वामित्व वाली केरला ब्लास्टर्स का घरेलू मैदान बना। आईएसएल के अलावा इस मैदान पर फीफा अंडर-17 विश्व कप के मैचों का भी आयोजन हुआ। केरला ब्लास्टर्स के दो खिलाड़ियों सीके विनीथ और इयान हुमे ने सिर्फ एक क्रिकेट मैच के लिए स्टेडियम को नहीं खोलने की अपील की थी क्योंकि इस मैदान को फिर से विश्व स्तरीय फुटबॉल मैदान बनाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती थी।
रायपुर अंतराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियमः रायपुर, छत्तीसगढ़
रायपुर अंतराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम या शहीद वीर नारायण सिंह इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम फिर से एक नई स्थापित क्रिकेट ग्राउंड है जिसमें आज सभी उच्च और पॉश सुविधाएं उपलब्ध हैं। स्टेडियम में 65,000 मेहमानों की बैठने की क्षमता है। रायपुर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम भारत में दूसरा और विश्व का चौथा सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है। 2010 में यहाँ पहला मैच खेला गया था। इस दौरान कनाडा के राष्ट्रीय टीम यहाँ पर छत्तीसगढ़ राज्य टीम के साथ अभ्यास मैच खेलने के लिए आए थे। लेकिन अब जमीन अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय मैचों नियमित रूप से मेजबान है। शहीद वीर नारायण सिंह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, जिसे रायपुर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम भी कहा जाता है, 2008 में उद्घाटन किया गया था। स्टेडियम छत्तीसगढ़ में नया रायपुर शहर में स्थित है। पिछले 18 सालों में रायपुर ने अपने यहाँ कई आकर्षण जोड़े और उनमें से एक शहीद वीर नारायण सिंह इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम है, जिसका उद्घाटन 2008 में हुआ था। यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम भारत के शीर्ष 10 स्टेडियमों में से एक है। विश्व स्तर के साथ भारत में सबसे अच्छे स्टेडियम में से एक है क्रिकेट सुविधा और बड़े आउटफील्ड क्रिकेट ग्राउंड जो खेल को बड़ी सीमाएं प्रदान करता है। शहीद वीर नारायण सिंह इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम या नया रायपुर इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम नया रायपुर शहर, छत्तीसगढ़, भारत में क्रिकेट क्षेत्र है। ईडन गार्डन क्रिकेट स्टेडियम कोलकाता और चौथे सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम के बाद यह दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है। 2013 में, स्टेडियम को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए दूसरे मेजबान स्थान के रूप में घोषित किया गया था और अब तक इस ने अपने दो मैचों की मेजबानी की है।
एम ए चिदंबरम स्टेडियमः चेन्नई, तमिलनाडू
भारत में सबसे पुराने क्रिकेट स्टेडियमों में से एक जो अभी भी नियमित रूप से उपयोग में है वो है चेन्नई में स्थित एम. ए चिदंबरम स्टेडियम। इसे पहले मद्रास क्रिकेट क्लब ग्राउंड के नाम से जाना जाता था और अब इसे अधिक लोकप्रिय रूप से चेपॉक स्टेडियम के नाम से जाना जाता है। इस मैदान पर कई अन्य शानदार घटनाओं में से दो प्रमुख थे, इस स्थान ने 1936 में पहली बार रणजी ट्रॉफी मैच की मेजबानी की और 1952 में इंग्लैंड के खिलाफ भारत की पहली टेस्ट जीत इस स्टेडियम में हुई थी। इस क्रिकेट ग्राउंड की स्था पना 1916 में हुई थी। यहां 50,000 दर्शकों के बैठने की क्षमाता है। इस मैदान पर पहला टेस्ट मैच भारत और इंग्लैंड के बीच 1934 में खेला गया था। स्टेाडियम 1952 में भारतीय टीम की इंग्लैंड के विरुद्ध पहले टेस्टग क्रिकेट विजय का गवाह है। यह स्टेतडियम तमिलनाडु क्रिकेट टीम का घरेलू मैदान है। इस स्टेकडियम के खाते में टाई टेस्टे मैच भी दर्ज है। यह मैच भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 1986 में खेला गया था, जिसमें डीन जोन्स ने शानदार पारी खेलते हुए 210 रन बनाए थे और ग्रेग मैथ्यूि ने 10 विकेट हासिल किए थे। इस मैच में कपिल देव ने भी सैकड़ा जड़ा था। इसके आलावा 21 मई, 1997 को हुए इंडिपेंडेंस कप में पाकिस्ताडन के सईद अनवर के भारत के विरुद्ध 194 रन बनाने का इतिहास भी इसी स्टेडडियम पर बना था। इस स्टेदडियम पर पर सुनील गावस्ककर ने वेस्टाइंडीज के विरुद्ध नाबाद 236 रन बनाए थे, जो कि इस स्टेलडियम का सबसे बड़ा व्यवक्तिेगत टेस्ट स्कोेर है। यह मैदान भारत ऑस्ट्रेलिया के बीच टाई टेस्टण मैच का मेजबान रह चुका है। भारत के नाम इस मैदान पर सबसे कम रन बनाने का रिकॉर्ड भी दर्ज है। टीम ने इंग्लैंाड के खिलाफ 83 रन बनाए थे। नरेंद्र हिरवानी का टेस्टर मैच में 136 रन देकर 16 विकेट चटकाने का रिकॉर्ड इसी स्टेाडियम पर बना था।
पीसीए स्टेडियमः मोहाली, पंजाब
पीसीए स्टेडियम जिसे मोहाली स्टेडियम भी कहा जाता है, चंडीगढ़ के मोहाली में स्थित है और देश का एक और महान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैदान है। मोहाली क्रिकेट ग्राउंड पंजाब राज्य टीम का घर है। यह मैदान 1933 से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय और टेस्ट मैचों की नियमित रूप से मेजबानी कर रहा है। मोहाली आईपीएल की टीम किंग्स इलेवन पंजाब का घरेलु मैदान है। मोहाली अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट आयोजन के लिए अपनी बेहतरीन सुविधाओं के साथ ही यहां की जीवंत हरी पिच और आउटफील्ड के लिए खास जाना जाता है। इस मैदान में कई रोचक क्रिकेट मुकाबले खेले जा चुके हैं। 1993-94 में पहली बार इस मैदान पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेला गया। 1996 और 2011 में क्रिकेट वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल मुकाबला भी इस मैदान पर खेला गया था।1996 में ऑस्ट्रेलिया ने कड़े मुकाबले में वेस्टइंडीज को हराया तो 2011 में भारत ने चिरप्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को। इस मैदान पर सबसे ज्यादा वनडे रन बनाने वाले बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर हैं तो सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज हरभजन सिंह (11)। हालांकि इस मैदान पर वनडे की सबसे बड़ी व्यक्तिगत पारी का रिकॉर्ड टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के नाम है। धोनी ने 2013-14 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 121 गेंदों पर 12 चौके और 5 छक्के की मदद से नाबाद 139 रन बनाए थे। टेस्ट क्रिकेट में यहां गौतम गंभीर (77.86) सौरव गांगुली (62.00), वीवीएस लक्ष्मण (59.83), वीरेंद्र सहवाग (58.64), राहुल द्रविड़ (56.54) के पचास से अधिक के औसत से रन बनाए हैं तो सर्वाधिक रन बनाने वाले टेस्ट बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर हैं। सचिन के नाम 47.94 की औसत से 767 रन हैं। मोहाली में अनिल कुंबले (36 विकेट) सबसे सफल टेस्ट बॉलर हैं। 12 टेस्ट और 22 वनडे के अलावा इस मैदान पर केवल एक टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबला खेला गया है।
बारबाती स्टेडियम, कटक, ओडिशा
ओडिशा क्रिकेट टीम के लिए घरेलू मैदान, कटक का बारबाती स्टेडियम है। यह हमेशा से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मैच का सेंट मेजबान रहा है। इस मैदान में ऑस्ट्रेलिया में डिग्री और विदेशी खिलाड़ियों द्वारा किए गए कई रिकॉर्ड है। मैदान पर पहला टेस्ट क्रिकेट मैच 4 से 7 जनवरी 1987 को भारतीय क्रिकेट टीम बनाम श्रीलंका के बीच खेला गया था पहले वनडे मैच 27 जनवरी 1982 को भारत बनाम इंग्लैंडके बीच खेला गया था। बारबाती स्टेडियम, कटक शहर में स्थित है। यह उडिसा की भूमि पर किक्रेट के खिलाड़ियों के लिए मैदान है। इस स्टेडियम को ओडिसा किक्रेट एसोसिएशन के द्वारा प्रबंधित किया जाता है। यह स्टेडियम, भारत के सबसे पुराने क्रिकेट मैदानों में से एक है। इस स्टे डियम में कई देशों की टीम, खेल आती है जैसे - वेस्टंटडीज या ऑस्ट्रेलिया आदि। इस स्टेडियम में रात के मैच का भी प्रंबध है, लाइट्स आदि की अच्छी व्यवस्था है। यहां अब तक कई बार, वनडे मैच हो चुके हैं। स्टेडियम में कपिल देव ने 300 वां टेस्ट मैच खेला था और श्री लंका के रूमे रत्नायक का विकेट गिरया था। इसके अलावा, भारत के अन्य खिलाड़ी खिलाड़ी वैसेसरकर ने भी यह टेस्ट मैच के दौरान आदेशतम अंक 166 यहां बनाया गया था।
जेएससीए इंटरनेशनल क्रिकेटः रांची, झारखंड
पूर्वी भारत में सबसे अच्छे क्रिकेट स्टेडियमों में से एक, झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (जेएससीए) का अंतराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम है। वास्तव में यह रांची का गौरव है। 2013 में स्थापित, जेएससीए इंटरनेशनल स्टेडियम सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ विभिन्न कलात्मक कार्यों के साथ एक बेहद सुसज्जित स्टेडियम है जो निस्संदेह इसे भारत के सर्वश्रेष्ठ स्टेडियमों में से एक बनाता है।
2013 की शुरुआत तक झारखंड में जमशेदपुर के कीनन स्टेडियम में ही अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मुकाबले हुआ करते थे। लेकिन पिछले कुछ सालों से इस मैदान पर कई अंतर्राष्ट्रीय सीमित ओवर क्रिकेट मैच हुए हैं और इस लंबे सीज़न में टेस्ट मैच भी रांची में खेला जाना है। रांची के इस ख़ूबसूरत स्टेडियम की क्षमता क़रीब 40 हज़ार दर्शकों की है, इस मैदान पर पहली बार 2013 में भारत और इंग्लैंड के बीच वनडे मैच खेला गया था। इसके अलावा भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच और भारत-श्रीलंका के बीच भी रांची में वनडे क्रिकेट मैच खेला जा चुका है। जेएसीसी स्टेडियम की आउटफ़ील्ड भी काफ़ी शानदार है, जहां तेज़ी से गेंद सीमा रेखा की ओर भागती है। यानी एक और ऐसा स्टेडियम जहां बड़े बड़े स्कोर की उम्मीद की जा सकती है। आने वाले वक़्त में रांची का ये स्टेडियम भारत में काफ़ी लोकप्रिय हो सकता है।
कप्तान रूप सिंह स्टेडियम, ग्वालियर, मध्य प्रदेश
ग्वालियर में सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट स्टेडियम, कप्तान रूप सिंह स्टेडियम 1988 से अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी कर रहा है। हालांकि इस जमीन पर बैठने की क्षमता इतनी बड़ी नहीं है, लेकिन हाल ही के वर्षों में स्टेडियम सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ आने में कामयाब रहा है इसे विशेष रूप से एकदिवसीय क्रिकेट के लिए एक पसंदीदा जगह बना दिया गया है। इसकी जमीन विशेष रूप से सचिन तेंदुलकर के लिए भाग्यशाली साबित हुई है क्योंकि उन्होंने इतिहास बनाने के लिए रूप चंद स्टेडियम में अपना पहला और एकमात्र दोहरा शतक लगाया था। कैप्टन रूपसिंह स्टेडियम पर अब तक 11 अंतरराष्ट्रीय मैच हो चुके हैं और 24 फरवरी को 12वां मैच होगा। अब तक के 11 मैचों में से नौ में भारत शामिल रहा है। उसका इस मैदान पर रिकॉर्ड बहुत अच्छा रहा है। उसने नौ में से सात मैच जीते हैं। टीम इंडिया यहां चार मार्च 1993 और पांच मार्च 1993 के मैचों में इंग्लैंड और 21 फरवरी 1996 के मैच में वेस्टइंडीज को हराकर जीत की हैट्रिक बना चुकी है। हैट्रिक का यह सिलसिला उसने 1991 में न्यूजीलैंड, 1993 में आस्ट्रेलिया और 2007 में पाकिस्तान को हराकर कायम रखा है। रूपसिंह स्टेडियम रनों के लिए स्वर्ग कहा जा सकता है। यह बल्लेबाजों के लिए अभी तक सहायक सिद्ध हुआ है। 1997 में पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच हुए एशियाई कप के मैच में 99।5 ओवर्स में 548 रन बने थे। इसी तरह भारत विरुद्ध इंग्लैंड मैच में 532, भारत विरुद्ध आस्ट्रेलिया मैच में 529, और भारत विरुद्ध पाकिस्तान मैच में 515 रनों के अंबार लगे थे।
धर्मशाला स्टेडियमः हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश का यह स्टेडियम धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम के नाम से भी जाना जाता है। करीब 1400 मीटर ऊंचाई पर बना यह स्टेडियम भारत का सबसे सुन्दर स्टेडियम है जहाँ आप इसके आस-पास से हिमालय की पहाड़ियां पाएंगें। इस स्टेडियम से चारों ओर का नज़ारा देखते ही बनता है। धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम, धर्मशाला का पर्यटन का प्रमुख आकर्षण है। यह अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम स्थानीय क्रिकेट टीम के लिये घरेलू मैदान की तरह भी कार्य करता है। इसकी पृष्ठभूमि में मनोरम प्राकृतिक होने के कारण इस स्टेडियम को भारत का सबसे खूबसूरत स्टेडियम माना जाता है। यह स्टेडियम कभी कभी पर्यटकों को रणजी और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच के गवाह बनने का अवसर देता है। इस स्टेडियम से धौलाधार श्रेणीं की हिमाच्छन्न पर्वत चोटियां आसानी से देखी जा सकती हैं। यहां अंतराष्ट्रीय स्तर के कई मैच आयोजित हो चुके हैं।