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दक्षिण भारत के पर्यटन स्थल

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दक्षिण भारत के पर्यटन स्थल


दक्षिण भारत के पर्यटन स्थल

भारत का दक्षिण भाग जिसे दक्षिण भारत के नाम से जाना जाता है वो कई मायनों में खास है। दक्षिण भारत ना केवल भारत का अहम अंग है बल्कि भारत के पर्यटन में इसका विशेष योगदान है। यदि कोई उत्तर से दक्षिण भारत तक की यात्रा करता है, तो कोई भी भारत की संस्कृति, जलवायु और परिदृश्य में विविधता को समझ सकता है। यदि उत्तर भारत में पहाड़ियों और बर्फ से ढके पहाड़ हैं, तो दक्षिण भारत में वन्यजीव अभयारण्यों के साथ समुद्र तट, विशाल वनस्पतियों, सुंदर झरनों और विभिन्न घाटियों का संगम है। दक्षिण भारत के पास वो सब कुछ है जो एक पर्यटक को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए काफी है। दक्षिण भारत को मुख्तः चार राज्यों के के रुप में जाना जाता है। केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश इन सभी राज्यों में एक अलग संस्कृति है जो इसे देश के बाकी राज्यों से अलग करती है| इतना ही नहीं, प्रत्येक राज्य अपनी अलग पहचान बनाए रखने में कामयाब है| यहां के प्रत्येक राज्य की अपनी अलग संस्कृति एवं अलग सभ्यता है।  जटिल मंदिर, वास्तुकला, ऐतिहासिक खंडहर, नहर, अध्यात्मिकता और समुन्द्र तट आपको एक शानदार और दिलचस्प यात्रा प्रदान करते हैं| केरल में जहां एक ओर बैकवाटर और समुद्र तटों के साथ आनंददायक परिवेश के शानदार दृश्य वास्तव में पुनरुत्थान कर रहे हैं। तो कई हाउसबोटों के साथ बिखरे हुए हैं, जो सही आवास विकल्प के रूप में कार्य करते हैं। दुनिया भर के पर्यटक एक अद्वितीय जीवनकाल अनुभव का आनंद लेने के लिए यहां आते हैं। इस क्षेत्र में उपलब्ध कई नौकायन, मछली पकड़ने और दर्शनीय स्थलों के विकल्प उपलब्ध हैं जो उन्हें रोमांचकारी अनुभव प्रदान करते हैं। वहीं दूसरी और कर्नाटक में हम्पी के खंडहर और मैसूर के राजसी गौरव, कांचीपुरम के मंदिर कस्बों, त्रिची और तमिलनाडु के तंजावुर मंदिर, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद में मस्जिद, अलंकृत महल, चारमीनार पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करने का दम रखती है। पश्चिमी और पूर्वी घाटी की सुंदरता सभी का मन मोह लेती है। दक्षिण भारत में कई हिल स्टेशन भी है जो एक पर्यटक को शानदार अनुभव प्रदान करते है। फिर वो चाहे केरल का अलेप्पी एवं मुन्नार हो या तमिलनाडु में ऊटी, कर्नाटक की साइबर सीटी बैंगलौर हो या आन्ध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद का नवाबी रंग। दक्षिण भारत में वो सब कुछ है। विजयनगर का समृद्ध इतिहास हो या हम्पी का ऐतिहासिक स्थल यही नही दक्षिण भारत कई धार्मिक और सांस्कृतिक नगरों को भी समाहित किए हुए है। दक्षिण भारत में काकातिया और द्रविड़ मंदिरों के जटिल वास्तुकला का मीठा अंतराल है। लोग दूर-दूर से यहां तीर्थ करने आते हैं। फिर वो तमिलनाडु में रामेश्वरम हो या कर्नाटक में तिरुपति बालाजी, मीनाक्षी मंदिर की सुंदरता हो या श्री बृहदेश्वरा मंदिर का आकर्षण दक्षिण भारत के पास अपने आंगतुकों को देने के लिए सब कुछ पर्याप्त है। हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको दक्षिण भारत की उस यात्रा पर ले जाएगें जहां से आपका आने का मन नहीं करेगा वहां पर इतने सारे महान स्थल है कि केवल कुछ विशेष स्थलों को चुनना बहुत मुश्किल है|



केरल

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दक्षिण भारत का सुंदर राज्य केरल किसी परिचय का मोहताज नहीं है।  केरल किसी भी प्रकार की छुट्टी के लिए भारत में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थलों में से एक है और इसे देवताओं के देश के रूप में जाना जाता है। केरल को भगवान से आशिर्वादित शहर के रुप में जाना जाता है क्योंकि यहां सब कुछ है जो इसे खास बनाती है। यहां नारियल, अप्रवाही की भूमि, संस्कृति और परंपराओं का राज्य माना जाता है। यह पृथ्वी पर सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है जो दुनिया भर से बड़ी तादाद में लोग केरल के इस खूबसूरत राज्य को देखने आते हैं। शांत समुद्र तट, सुहावना मौसम, हरे भरे हिल स्टेशन, दूर तक फैले बैकवॉटर और आकर्षक वन्य जीवन इस धरती के आकर्षणों में से एक बनाते है। केरल में कई सुंदर स्थल है। केरल  का शहर अलेप्पी केरल हाउसबोट पर रहने और पानी पर दौरे के लिए जाना जाता है। ये केरल के देखने लायक सबसे अच्छे स्थाऔनों में से एक है। लॉर्ड कर्जन ने अलेप्पी को ' पूरब का वेनिस ' कहा था। समुद्र तट के अलावा अलेप्पी में कुछ अन्य पर्यटन स्थल भी हैं जैसे अंबालापुक्षा श्री कृष्ण मंदिर, कृष्णापुरम पैलेस, मरारी समुद्र तट, अरथुंकल चर्च आदि। वहीं मुन्नार केरल के सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशन में से एक है। यहां कई सुंदर घाटियां है। वहीं थेककडी में पेरियार वन्यजीव हाथी, बाघ और गौर सहित पशुओं की विभिन्न प्रजातियों के संरक्षण के लिए एक लोकप्रिय स्थाान है। अपनी वन्य जीवन के साथ-साथ थेककडी अपने नैसर्गिक सौंदर्य के लिए दुनिया भर से पर्यटकों और दर्शकों को आकर्षित करता है। केरल में समुंद्र तटों को पसंद करने वालों के लिए कोवलम बीच है जहां लोग आराम फरमा सकते हैं। यहां पर सन बाथ, स्विमिंग, क्रूजिंग और केरला की मशहूर आयुर्वेदिक बॉडी मसाज का लुत्फ उठाते हैं। वहीं अपने पश्चिमी घाट के हरे भरे पर्वतों के बीच स्थित वायनाड का प्राकृतिक सौन्दर्य आज भी अपने प्राचीन रूप में मौजूद है। वर्कला में आप कई पानी की गतिविधियों को कर सकते हैं। यहां सन बाथ, नाव की सवारी, सर्फिंग और आयुर्वेदिक मालिश जैसी कई सुविधाएं है। केरल में कई जगह है जहां आप जाकर एक अलग ही अनुभव करेगें।



तमिलनाडु

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तमिलनाडु दक्षिण भारत में बंगाल की खाड़ी के तट पर बसा खूबसूरत प्रदेश है। इसका इतिहास जहां समृद्धि से ओत-प्रोत है, वहीं वर्तमान में यह तेजी से विकास के पथ पर आगे बढ़ता राज्य है।  तमिलनाडु के भव्य मंदिर इसके शानदार इतिहास और बीती शताब्दियों की बेमिसाल स्थापत्य कला की गवाही देते हैं। चोल, पल्लव, पांड्या और नायक राजवंश ने तमिलनाडु के अनेक मंदिरों पर अपने जमाने की रचनात्मकता, स्थापत्य कला और कुशल कारीगरी की निशानी छोड़ी है। भगवान वेंकटेश, विनायक और शिव, मुरुगन और विष्णु से लेकर अनेक देवताओं और देवियों की अद्भुत मूर्तियां ऐतिहासिक विरासत को आगे बढ़ाती हैं। तमिलनाडु के समुद्री तट राज्य के पर्यटन के प्रमुख आकर्षण हैं। इनके चलते ही यह भारत के सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थलों में से एक है। दक्षिण भारत के सर्वश्रेष्ठ समुद्री तटों में से कुछ तमिलनाडु में ही हैं। यह अपनी तरह के खास हैं। ये सभी बीच सन बाथ, आराम और जलीय खेलों जैसी गतिविधियों के लिए आदर्श हैं। तमिनाडू की राजधानी चेन्नई से कुछ ही दूरी पर स्थित कोवलोंग उन लोगों के लिए छुट्टियां मनाने का आदर्श स्थान है, जो कम समय में ज्यादा से ज्यादा आनंद चाहते हैं। कोवलोंग बीच बेहद सुंदर जगह है, जिसके किनारे ताड़ और नारियल के पेड़ लाइन से खड़े हैं। न्यजीव अभयारण्य टूर पर्यटकों को हमेशा ही लुभाते हैं। तमिलनाडु के अभयारण्य दक्षिण भारत में सर्वश्रेष्ठ माने जा सकते हैं। वहीं तमिलनाडु में कई वन्य अभ्यारण्य भी है। कोडिकराई अपने पॉइंट कैलीमेयर के लिए मशहूर है। यहां जंगली जानवरों और प्रवासी पक्षियों का अभयारण्य है। कारोमंडल तट पर स्थित इस अभयारण्य में रूस, साइबेरिया, ईरान, ऑस्टेलिया और हिमालय से पक्षी आते हैं। इन पक्षियों में फ्लेमिंगो, इबिसेस, वुडकॉक, स्पूनबिल, हॉर्नबिल, बगुले, स्टॉक्र्स, विलो वार्बलर, खंजन और जंगली बतख शामिल हैं। वहीं मुंडनथुरई-कलकड वन्यजीव अभयारण्य को 1988 में बाघ संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया। बाघ के अलावा यहां तेंदुआ, जंगली बिल्ली, ऊदबिलाव, भेड़िया, सियार जैसे जानवर पाए जाते हैं। इनके अलावा यह हाथी, भालू, जंगली भैंसे, हिरण, नीलगिरि जैसे जानवरों का सुरक्षित पनाहगाह है। जहरीले सांप, मगरमच्छ, पक्षियों की अनेक प्रजातियां भी इस अभयारण्य में बड़ी संख्या में मिलती हैं। तमिलनाडु में ऊटी जैसा हिल स्टेशन भी है जो पर्यटकों का सबसे पंसदीदा स्थल है। नवविवाहितो के लिए यह किसी स्वर्ग से कम नहीं है।

तमिनलाडु में कई मंदिर भी है जिनमें अरुणाचलेश्वर मंदिर, रमण आश्रम, वीरूपक्ष गुफा और शेषाद्रि स्वामीगल आश्रम कुछ ऐसे स्थान हैं जिनका न केवल दक्षिण भारतीय हिंदुओं के लिए बल्कि दुनियाभर के अनेक लोगों के लिए अत्यधिक धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। पदवेड़ु रेणुकंबल मंदिर और नेदुंगुनम रमण मंदिर भी तिरुवन्नमलई आने वाले यात्रियों को बहुत लुभाते हैं। यही नहीं जिला विज्ञान केंद्र कूंठनकुलम पक्षी ,अभयारण्य स्वामी नेल्लैयापार कांतिमथि, अंबल मंदिर रॉक फोर्ट, श्री बृहदेश्वरा मंदिर, मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर कुन्नूर, कोडईकनाल हिल स्टेशन आदि तमिलनाडु के प्रसिद्ध स्थल है।



आंध्र प्रदेश

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आंध्र प्रदेश दक्षिण भारत का एक और प्रमुख राज्य है जो पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है। यहां भले ही गरमी का मौसम रहे लेकिन यहां की नदियां, हरेभरे पहाड़, घाट, प्राकृतिक व ऐतिहासिक स्थल, अभयारण्य, जलप्रपात और प्राचीन स्मारक पर्यटकों का मन मोह लेते हैं। राज्य में खासकर हैदराबाद, विजयवाड़ा, विशाखापट्टनम, वारंगल, तिरुपति शहरों के निकट कई पर्यटन स्थल स्थित हैं। हैदराबाद का भी शाही अंदाज किसी से कम नहीं है। इस नवाबशाही शहर के चारमीनार, गोलकुंडा, निजाम का चौमहल्ला पैलेस और कुतुबशाही समाधियों की सृजनशील पारसी निर्माण कला को देख आप चकित रह जाएंगे। इस के अलावा हुसैन सागर, चेर्वू, रामोजी फिल्म सिटी भी यहां के रमणीक पर्यटन स्थल हैं। हैदराबाद से 150 किलोमीटर की दूरी पर 3 तेलंगाना जिलों में अनेक दर्शनीय स्थल मौजूद हैं। ‘हार्सली हिल्स’ पर आप जा कर छुट्टियों का भरपूर मजा ले सकते हैं। यहां 1226 मीटर ऊंचाई पर ठहरने की उचित व्यवस्था है। इस पहाड़ी पर ट्रैकिंग करने का मजा ही कुछ और है। यहां से 120 किलोमीटर दूर एक सुंदर द्वीप ‘श्रीहरिकोटा’ है। आन्ध्र प्रदेश में कई मंदिर भी है जो विश्व भर में विख्यात है इनमें  गार्जुन सागर में बौद्ध स्तूप तिरूपति में तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर, श्रीसेलमक का श्रीमल्लिकार्जुनस्वामी मंदिर, विजयवाड़ा का कनक दुर्गा मंदिर, सातवाहन कालीन बौद्ध उपनिवेश के भग्नावेशेष, अन्नावरम में श्री सत्यनारायण स्वामी मंदिर एवं श्री वराह नरसिंह स्वामी मंदिर आदि प्रमुख है।

राज्य की दूसरी प्रसिद्ध जगहों में मुख्य रूप से राघवेन्द्र स्वामी मठ शामिल है, जो कुरनूल जिले के मंत्रालय में बना एक मंदिर है। आस-पास के दुसरे मंदिरों में पश्चिम गोदावरी जिले में बना द्वारका तिरुमाला, पूर्वी गोदावरी में बना अन्नवरं और अरसवाल्ली सूर्य मंदिर, श्रीकुर्मम और श्रीकाकुलम जिले का श्रीमुखलिंग शामिल है। यहां उप्पलापडू पक्षी अभयारण्य में तक़रीबन 8000 प्रकार के पक्षी है। साथ ही अक्टूबर से जनवरी के समय में दुसरे देशो से आए निवासी पक्षियों को भी देखा जा सकता है।



कर्नाटक

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कर्नाटक दक्षिण भारत के प्रमुख राज्यों में से एक है। इस राज्य में प्राकृतिक सुंदरता और विरासत का सटीक मिश्रण है। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू भारतीय सॉफ्टवेयर उद्योग का हब होने की वजह से देश के सबसे महत्वपूर्ण शहरों में से एक है। चिकमंगलूर और मेडिकेरी स्तब्ध कर देने वाले नजारों से लेकर सुरम्य कूर्ग, जंगलों से भरे बिलगिरी तक, कर्नाटक में वो सब कुछ उपलब्ध है जो किसी को चाहिए। यह हिल स्टेशन राज्य प्रमुख आकर्षण हैं। इनमें से कुछ हिल स्टेशनों का ऐतिहासिक महत्व तो है ही धार्मिक महत्व भी है। कर्नाटक के प्रमुख हिल स्टेशनों में कूर्ग हिल स्टेशन प्रमुख है इसे मिनी स्कॉटलैंड भी कहा जाता है। कुर्ग की सुंदरता इस बात का प्रमाण है कि कई फिल्मों की शूटिंग यहां हो चुकी है। कर्नाटक अपने मंदिरों के लिए भी विशेष रुप से विख्यात है।  गोकर्ण में महाबलेश्वर मंदिर, मैसूर में मैसूर पैलेस, गोल गुंबज, बीजापुर ख्वाजा बंदे नवाज दरगाह कई धार्मिक स्थल है। वहीं कर्नाटक का एक विस्तृत इतिहास रहा है। विजयनगर कर्नाटक का एक ऐतिहासिक नगर है। इसकी राजधानी हम्पी में आज भी कई ऐतिहासिक साक्ष्य उपलब्ध है। कर्नाटक में कई झरने भी इसकी सुंदरता को बढ़ाने के लिए उपलब्ध है जिनमें  जोग फॉल्स, मागोद फॉल्स, शिवनसमुद्र फॉल्स, लालगुड़ी फॉल्स आदि प्रसिद्ध है। कर्नाटक में समुद्री तटों की भी सुंदरता निहित है। यहां का गोकर्ण समुद्री तट कई मायनों में खास है जहां पर्यटक कई पानी के खेलों की गतिविधियां कर सकते है, आराम कर सकते हैं। गोकर्ण हिंदू श्रद्धालुओं की आस्था का भी बड़ा केंद्र है। यहां के समुद्री तट भी कम लुभावने नहीं हैं। लोग यहां अक्सर छुट्टियां मनाने आते हैं। स्पष्ट है कि इस कस्बे का नाम गाय के कान पर पड़ा है। माना जाता है कि यह वही स्थान है जहां भगवान शिव का जन्म गाय के कान से हुआ था। वे लंबी तपस्या के बाद गाय के कान से अवतरित हुए थे। एक धारणा यह भी है कि दो नदियों के संगम पर बसे इस गांव का आकार भी कान जैसा है। इसीलिए इसे गोकर्ण कहा गया।  गोकर्ण में चार समुद्री तट हैं। ये सभी बेहद शांत हैं क्योंकि इनकी सुंदरता के बारे में बाहर के लोग बहुत कम जानते हैं। रेत साफ-सुथरी और समुद्र एकदम नीला है।

कर्नाटक में कई धार्मिक स्थल भी है जिनमें मल्लिकार्जुन मंदिर बादामी में गुफा मंदिर आइहोले के चट्टानों में बने मंदिर आदि प्रमुघ है।  वहीं मैसूर कर्नाटक का राजसी महल का शहर है। यह शहर रेशमी साडियां और चंदन की लकड़ी से बने सामानों के  लिए मशहूर है। कर्नाटक का दूसरा सबसे बड़ा शहर और पर्यटकों के आकर्षण का सबसे बड़ा केंद्र है। कर्नाटक में बहुत से महल जैसे बैंगलोर महल, मैसूर महल (अम्बाविलास पैलेस), टीपू सुल्तान महल, नालक्नद महल, राजेंद्र विलास, जगनमोहन महल, जयलक्ष्मी विलास मेंशन, ललिता महल, राजेंद्र विलास, चेलुवंबा मेंशन, शिवप्पा नायका पैलेस और दरिया दौलत बाघ महल इत्यादि भी देखने मिलते है। कर्नाटक में वन्यजीव अभयारण्य और राष्ट्रिय उद्यान जैसे दंदेली वन्यजीव अभयारण्य, दंदेली; घटाप्रभा पक्षी अभयारण्य; दारोजी आलसी भालू अभयारण्य, रानेबेन्नुर काला हिरण अभयारण्य, हावेरी जिला, देवराय वन्यजीव अभयारण्य, हम्पी, अत्तिवेरी पक्षी अभयारण्य बंकापुर मोर अभयारण्य हावेरी के धार्मिक स्थलों के अलावा आप यहां के अन्य पर्यटन स्थलों की सैर का प्लान बना सकते हैं। बंकापुर मोर अभयारण्य जिले का एक प्रसिद्ध टूरिस्ट स्पॉट है, जहां आप एक हजार से ज्यादा मोरों को देख सकते हैं। यह अभयारण्य लगभग 139 एकड़ में क्षेत्र में फैला है, जहां बंकापुर किले के अवशेष देख जा सकते हैं। यह अभयारण्य पशु चिकित्सा विज्ञान विभाग द्वारा विभिन्न शोध और अध्ययन के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। कर्नाटक अपने पर्यटको को वो सब कुछ देता है जो वो चाहते हैं।

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