भारत के सबसे भूतिया स्थल
शश्शश.... कोई है.... हम सभी लोग भगवान में विश्वास करते हैं। कहते हैं जहां अच्छाई होती है वहां बुराई भी होती है। डर हर जगह होता है। हम में से कई लोग अंधविश्वास के चलते भूतों पर विश्वास करते हैं और कोई नहीं करते। जिनके साथ कुछ विचित्र घटित होता है वो मानते हैं कि भूत होते हैं, किन्तु कुछ लोग मानते हैं कि भूत नहीं होते। विज्ञान भी आज तक इस बात को प्रमाणित नहीं कर पाया है कि भूत नहीं होते। डर हम सभी को लगता है। बचपन में दादी-नानी से सुनी भूतों, परियों की कहानियों पर हम सभी विश्वास कर लेते थे और उन्हें ढूंढने की कोशिश करते थे किन्तु परिपक्वता के साथ हम इसे केवल एक कहानी मान कर मुस्कुरा देते हैं। लेकिन कई ऐसे लोग है जो कुछ विचित्र घटनाओं से रुबरु हो चुकें हैं। जिनका यह मानना है कि कोई तो शक्ति है जो भगवान और इंसान के बीच में है भले ही वो नकरात्मक रुप में हो या सकरात्मक। भूतों की बात जब भी हम करते हैं तो हमारे सामने भटकती हुई आत्माएं, प्रेतों और चूड़ेलों की डरावनी आकृतियां बनने लगती हैं जो किसी कारणवश अकाल मृत्यु को प्राप्त हो गई थी। हम अपने इस आर्टिकल के माध्यम से आपकों भूतों की उस यात्रा पर ले चलते हैं जहां कई अच्छे भूत भी टकराएगें और कई बुरे भी। भारत एक ऐतिहासिक स्थलों की भूमि है। यहां कई ऐसे स्थल हैं जो प्राचीन होने के साथ-साथ भूतिया स्थलों में भी जाने जाते हैं। यह वो स्थल है जहां रात में जाना मना है। इन स्थलों पर आप कुछ ना कुछ ऐसा जरुर महसूस करेंगे जो यह सोचने पर विविश कर देगा कि क्या वाकई भूत होते हैं? तो चलिए भारत के इन प्रमुख स्थलों के बारे में बताते हैं जो अपने इतिहास से ज्यादा अपने भूतों और डरावने किस्सों के लिए मशहूर हैं..
1. दिल्ली कैंट (छावनी), दिल्ली

भारत की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली जितनी ही आधुनिक नगर है उतना ही इसका विस्तृत इतिहास है। दिल्ली में कई ऐसी डरावनी जगहें है जिनके बारे में जानकर आप कांप उठेंगें। दिल्ली के सबसे भूतिया जगहों में से एक हैं दिल्ली कैंट यानि छावनी इलाका। हरी भरी भूमि से घिरा हुआ यह इलाका उन डरावनी फिल्मों की याद दिला देता है जिनमें सफेद साड़ी पहने एक महिला आपसे लिफ्ट मांगती है और यदि आप लिफ्ट दे देते हैं तो वो अपने असली रुप में आ जाती है यदि आप गाड़ी नहीं रोकते हैं तो वो हवा से भी तेज आपके साथ-साथ दोड़ने लगती है। बताया जाता है कि यहां रात को एक लड़की लोगों से लिफ्ट मांगती है और लिफ्ट देने पर उनके साथ कुछ अनहोनी हो जाती है। दिल्ली कैंट के इस इलाके में रात को गुजरने वाले वाहनों से एक सफेद साड़ी पहने हुए महिला लिफ्ट मांगती है। अगर कोई उसे लिफ्ट नहीं देता तो वह तेजी से उसका पीछा करने लगती है। लोगों ने बताया है कि उन्होंने इतना तक देखा है कि महिला उनकी कार से भी तेज रफ्तार से उनके आगे गुजर जाती है। जो बहुत डरावना होता है। यह घटना अकेले यात्रा करने वाले यात्रियों के साथ ज्यादा देखने को मिली है। दिल्ली के छावनी क्षेत्र को पार करते हुए ज्यादातर यात्रियों ने देखा है, ज्यादातर रात्रि 1 बजे से 4 बजे के बीच यह घटनाएं घटित होती है साथ ही जो अकेले यात्रा कर रहे होतें हैं उन्हें यह आत्मा अवश्य दिखलाई पड़ती है।
2. बृज राज भवन (कोटा)
राजस्थान राजशाही इतिहास की भूमि है जहां कई राजपूत राजाओं ने युद्ध लड़कर अपनी वीरता का परिचय दिया है किन्तु इसके विपरित उनके द्वारा बनाए गए कई महलों और किलों में आज भी कई आत्माएं भटकती हैं। अब तक आपने केवल बुरी आत्माओं के बारे में ही सुना होगा किन्तु बृज राज भवन (कोटा) में एक ऐसी आत्मा भी है जो लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाती। मेजर बर्टन अपने महल में अपने परिवार के साथ रहते थे। 1857 की विद्रोह के दौरान महल के अंदर उनके पूरे परिवार के साथ सिपाही ने उनकी हत्या कर दी थी। तब से यह कहा जाता है कि महल में उनकी आत्मा घूमती है और चौकीदारों को परेशान करती है। वैसे तो यहां की आत्माएं किसी को भी परेशान नहीं करती है,लेकिन जब रात को यहां के चौकीदार सो जाते हैं तो वो उन्हे थप्पड़ मारती है जो थोड़ा हास्यस्पद भी लगता है।
3. डुमस बीच, गुजरात

समुद्र के किनारे घूमना भला किसे अच्छा नहीं लगता होगा। किन्तु जब आपको लगे कि कोई आपके साथ-साथ अदृश्य रुप में चल रहा हो या रोने की आवाज आ रही हो और कोई दिखाई नहीं दे रहा हो तो आपको डर के मारे पसीने छूटने लग जाएगें। जी हां गुजरात के सूरत के पास डुमस बीच शायद भारत का एकमात्र प्रेतवाधित समुद्री समुद्र तट है जहां आप छुट्टियों के लिए भी बाहर निकलने का विचार नहीं कर सकते। समुद्र तट वास्तव में उन लोगों के लिए श्मशान या दफन स्थल के रूप में उपयोग किया जाता है जो अपने पूरे जीवन में पीड़ित रहते थे। स्थानीय लोगों के अनुसार इस बीच पर रूहों का बसेरा है। सूर्य अस्त होने के बाद अगर आप इस बीच पर गये, तो आपको चीखने-चिल्लाने की आवाज़ें सुनाई देंने लगेंगी। अरब सागर से लगा हुआ यह बीच सूरत से 21 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां की रेत सफेद नहीं बल्कि काली होती है। सदियों पहले यहां पर भूत-प्रेतों ने अपना गढ़ बना लिया था और इसीलिये यहां की रेत काली हो गई है। इस बीच से लगा हुआ शव दाह ग्रह है। यहां पर लाशें जलायी जाती हैं। लोगों का मनना है कि जिन लोगों को मोक्ष प्राप्त नहीं होता है, या जिनकी असमय मृत्यु हो जाती है, उनकी रूह इस बीच पर बसेरा कर लेती है।
4. डाउ हिल, पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल जितना अपनी खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है उतना ही अपने रहस्यमयी और भूतिया जगहों के लिए भी प्रसिद्ध है। पश्चिम बंगाल का डाउ हिल एक ऐसा ही भूतिया स्थल है। इस घने जंगल में ना जाने कितनी ही हत्याएं हो चुकी हैं। स्थानीय लोगों ने कई बार यहां अजीबोगरीब चीजें महसूस की हैं। कुर्शियांग स्थित इस पहाड़ी पर घने जंगलों में जाने से लोग कतराते हैं। इस जंगल में कई लोगों ने आत्म हत्याघ की है। जंगल में आस पास हड्डियां बिखरी पड़ी रहती हैं। इस कारण भी लोगों के लिए यह जंगल डराने वाला है। पश्चिम बंगाल के दार्जलिंग जिले में स्थित एक हिल स्टेशन है। इसकी दार्जलिंग से दुरी 32 किलो मीटर है। इसकी ऊंचाई 4864 फीट है। कुर्शियांग का स्थानीय नाम खरसांग है। इसका मतलब होता है सफेद आर्किड की भूमि। कुर्शियांग मुख्यत अपने बोर्डिंग स्कूलों और पर्यटन के लिए जाना जाता है पर कुर्शियांग से लगती डाउ हिल से एक कहानी जुड़ी हुई है जिसके अनुसार डाउ हिल के जंगलों में बड़ी संख्या में आत्म हत्याएं हुई है। इस जंगल में इधर-उधर इंसानो की हड्डियां दिखाई दे जाना आम बात है। इसलिए यहां के वातावरण में अजीब सी सिरहन और डर महसूस किया जाता है। स्थानीय लोगो का कहना है कि दिसंबर से मार्च तक की छुट्टियों के दौरान उन्हें विक्टोरिया बॉयज स्कूल में पैरों कि आहट सुनाई देती है।
5. भानगढ़ का किला अलवर

भानगढ़ किला, राजस्थाान का एक ऐसा किला है जो दूर से ही आपको भूतिया प्रतित होगा। किले के आस-पास के इलाके एकदम सुनसान यहां के पेड़ भी काफी अजीबो गरीब मालूम पड़ेगें। ऐसा कहा जाता है कि पुराने ज़माने में एक तांत्रिक ने इस महल पर काला जादू कर दिया था और तब से भानगढ़ किला, भूतिया किला हो गया। भानगढ़ फोर्ट, राजस्थान के अलवर जिले में स्थित है। यह भारत के सबसे प्रमुख डरावने स्थलों में से एक है। इसे आम बोलचाल की भाषा में भूतों का भानगढ़ कहा जाता है। इस बारे में रोचक कहानी है कि 16 वीं शताब्दी में भानगढ़ बसता है। 300 सालों तक भानगढ़ खूब फलता फूलता रहा। फिर यहां कि एक सुन्दर राजकुमारी रत्नावती पर काले जादू में महारथ तांत्रिक सिंधु सेवड़ा आसक्त हो जाता है। वो राजकुमारी को वश में करने लिए काला जादू करता है पर खुद ही उसका शिकार हो कर मर जाता है। पर मरने से पहले भानगढ़ को बर्बादी का श्राप दे जाता है और संयोग से उसके एक महीने बाद ही पड़ौसी राज्य अजबगढ़ से लड़ाई में राजकुमारी सहित सारे भानगढ़ वासी मारे जाते है और भानगढ़ वीरान हो जाता है। तब से वीरान हुआ भानगढ आज तक वीरान है और कहते है कि उस लड़ाई में मारे गए लोगो के भूत आज भी रात को भानगढ़ के किले में भटकते है। सरकार ने भी पर्यटकों को यहां अंधेरा होने से पहले चले जाने की चेतावनी जारी कर रखी है। लोगों का मानना है कि आज भी उस तांत्रिक की आत्मा वही भटकती रहती है। सूर्यास्त के बाद इस किले में लोगों का प्रवेश वर्जित है। इस किले के आसपास बने घरों की छतें नहीं रहती हैं। अगर उन छतों को बनवा दिया जाएं, तो अपने आप चटक कर टूट जाती हैं।
6. जीपी ब्लॉक, मेरठ
भारत की सबसे डरावनी जगहों में से प्रमुख उत्तर प्रदेश के मेरठ मे स्थित जीपी ब्लॉक है जहां कई लोगों ने भूतों को देखा है। यह स्थल सबसे भूतिया जगहों में से एक हैं। हर कोई यहां के बारे में जानता है। उत्तर प्रदेश के ही एक जिले मेरठ में बेहद डरावना किस्सा है भूत बंगले का। यह बंगला मेरठ के मॉल रोड स्थित कैंट बोर्ड के सीईओ के आवास के निकट है। सीईओ के आवास और व्हीलर्स क्लब के बीच (आशियाना गेस्ट हाउस के विपरीत) एक रास्ता अंदर की ओर जाता है। इस इलाके में एक दो मंजिला इमारत है, जिसमें कई प्रेत-आत्मालएं रहती हैं। इस इमारत में अक्सेर चार लोगों को बैठकर पीते हुए देखा जा सकता है। यहां के स्थातनीय लोगों को अक्संर ये नज़ारा देखने को मिलता है। कई बार लोगों ने ये भी देखा है कि लाल रंग के वस्त्रों में कोई लड़की भी घर से बाहर निकलती है। पीले रंग के बंगले में पांव रखते ही कबूतरों की फडफ़ड़ाहट की आवाज एक बारगी डरा तो देगी ही। 1947 के बाद इस बंगले को छोड़ सब एरिया मुख्यालय सरधना रोड पर बनाया गया, जहां पूर्व में अंग्रेजी अफसरों का अस्पताल था। अब भारतीय सैनिकों ने लोगों को यहां जाने से रोकने के लिए इसे बंद करने का फैसला लिया है। लोग यहां रात में जाने से अक्सर बचते हैं।
7. राष्ट्रीय पुस्तकालय, कलकत्ता
राष्ट्रीय लाइब्रेरी न केवल कोलकाता का बौद्धिक गौरव है बल्कि यह शहर का सबसे गहरा इतिहास भी रखता है। लेकिन वहीं दूसरी और यह राष्ट्रीय पुस्तकालय कोलकाता में सबसे डरावनी जगहों में से एक है। कोलकाता राष्ट्री य पुस्तककालय, में कई प्रकार की रहस्यसमयी घटनाओं के बारे में सुनने को मिलता है। जो गार्ड यहां रात में ड्यूटी करते हैं, वह आपको कई प्रकार की ऐसी घटनाएं सुना सकते हैं। जिन मजूदरों की मौत यहां पुस्त,कालय में हुई थी, उनके भूत इसी पुस्त कालय में रहते हैं। काफी समय पहले, एक छात्र इस पुस्तकालय में गया और फिर वहां से कभी वापस नहीं आया। कई लोग कहते हैं कि सुबह जब लाईब्रेरी खोलिए तो हर दिन काफी पेपर और सामान बिखरा हुआ पड़ा रहता है। अलीपुर रोड पर खड़े होने पर, लाइब्रेरी में कुछ सदस्य अंदर घूमते हुए दिखाई पड़ते हैं। जैसे ही अंधेरा होता है यहां के असली सदस्य बाहर निकलने लगते हैं और कुछ असामान्य गतिविधियां होती दिखने लगती है। यह भी कहा जाता है कि औपनिवेशिक शासन के समय, पुस्तकालय परिसर में नवीनीकरण कार्य के दौरान 12 मजदूरों ने अपनी जान गंवा दी। ऐसा माना जाता है कि उन कुटिल श्रमिकों की आत्माएं अभी भी वहां घूम रही हैं।
8. शानिवारवाड़ा किला, पुणे

आपने बाजीराव मस्तानी तो अवश्य देखी होगी और उसमें पेशवा बाजीराव के शनिवारवाड़ा के बारे में अवश्य पड़ा और सुना होता। शनिवार वाड़ा मराठा युग में जितनी ही सुंदर और भव्य था अब यह उतनी ही डरावना हो गया है। शहर के बाजीराव रोड़ पर अभिनव कला मंदिर के पास बना शनिवारवाड़ा महल पेशवा राजाओं का निवास स्थान था। इस महल की नींव बाजीराव प्रथम ने शनिवार के दिन 10 जनवरी 1730 में रखी थी। इस किले में 30 अगस्त 1773 की रात को 16 साल के नारायण राव, जो की मात्र 14 साल की उम्र में मराठा साम्राज्य के 5वें पेशवा बन थे, उनकी षड्यंत्र करके ह्त्या कर दी गई थी। जब हत्यारे उनकी हत्या के लिए किले में घुसे तो नारायण राव खतरा भांपते हुए अपने कक्ष से भाग निकले। नारायण ने पूरे महल में दौड़ते हुए 'काका माला वाचवा' (चाचा मुझे बचाओ) की गुहार लगाई। लेकिन उन्हें बचाने के लिए कोई नहीं आया। कुछ इतिहासकारों के मुताबिक नारायण राव की हत्या उनके चाचा और चाची ने ही करवाई थी। कहते है कि आज भी नारायण राव की आत्मा इस किले में भटकती है और उनके द्वारा बोले गए आखिरी शब्द 'काका माला वचाव' की आवाज आसपास के लोगों को सुनाई देते है। अंधेरी रातों में यह महल और अधिक डरावना लगता है।
9. कुलधारा, राजस्थान

राजस्थान का एक और स्थान भारत के सबसे डरावने स्थलों में से एक माना जाता है कुलधारा वो स्थान है जहां कोई आता-जाता नहीं है क्योकि यह स्थान प्रेत आत्माओं का स्थान बन चूका है। खतरनाक स्थलों की सूची में जैसलमेर जिले का कुलधरा गांव है, जो कि पिछले करीब 170 सालों से वीरान पड़ा है। इस स्था न के बारे में 1800 में स्थाकनीय लोगों को पता चला कि यह रहस्यकमयी और बेकार है, इसलिए इस जगह को लोगों ने छोड़ दिया है। बताया जाता है कि इस राजस्थानी गांव में पालीवाल ब्राहम्णों का निवास था। कुलधरा गांव के हजारों लोग अपने गांव की एक लड़की को अय्याश दीवान सालम सिंह से बचाने के लिए, एक ही रात मे इस गांव को खाली कर के चले गए थे और जाते-जाते श्राप दे गए थे कि यहां फिर कभी कोई नहीं बस पाएगा। तब से गांव वीरान पड़ा है। कहा जाता है कि यह गांव रूहानी ताकतों के कब्जे में हैं, कभी एक हंसता खेलता यह गांव आज एक खंडहर में तब्दील हो चुका है। पर्यटक स्थल में बदल चुके कुलधरा गांव में घूमने आने वालों के मुताबिक यहां रहने वाले पालीवाल ब्राह्मणों की आहट आज भी सुनाई देती है। उन्हें वहां हरपल ऐसा अनुभव होता है कि कोई आसपास चल रहा है। बाजार के चहल-पहल की आवाजें आती हैं, महिलाओं के बात करने की, उनकी चूडिय़ों और पायलों की आवाज हमेशा ही वहां के माहौल को भयावह बनाती हैं। प्रशासन ने इस गांव की सरहद पर एक फाटक बनवा दिया है जिसके पार दिन में तो सैलानी घूमने आते रहते हैं लेकिन रात में इस फाटक को पार करने की कोई हिम्मत नहीं करता हैं।
10. अल्येसया घोस्ट लाइट्स, पश्चिम बंगाल
बंगाल पश्चिम की कहानियों में कई बार घोस्ट लाइट्स का वर्णन होता है। मछुआरों से इस बारे में आप कई कहानियों को सुन सकते हैं। उनका मानना है कि लाइट जलने के बाद आपको नहीं जाना चाहिए, वरना मौत निश्चित है। आयला घोस्ट लाइट्स (मार्श घोस्ट लाइट्स) पश्चिम बंगाल के मैदानों में कुछ अस्पष्ट घटनाएं होती हैं। मछुवारे बताते है कि इन दलदलों से कुछ विचित्र रोशनी उन्हें दिखलाई पड़ती है जिसका पीछा करते हुए जो भी जाता है वो कभी लौट कर वापस नहीं आता। यदि आप इन रोशनी का पालन करते हैं, तो यह आपके जीवन को समाप्त कर देगी। पौराणिक कथा का कहना है कि एक काम करने के दौरान एक मछुआरे मार्श की मृत्यु हो गई थी। तब से वह अन्य मछुआरों को मौत के लिए बुलाता है। तो अगली बार यदि आपकों कोई ऐसी रोशनी दिखाई पड़े तो उसका पीछा ना ही करने में ही भलाई है।
11. टनल नंबर 103, शिमला
अक्सर हम फिल्मों और कहानियों में देखते पढ़ते हैं कि सुरंगो के बीच में से ट्रेन निकल रही है और चारों और अंधेरा ही अंधेरा है यदि इस अंधेरे में कोई भूत आपसे टकरा जाए तो क्या हालत होगी आपकी। जी हां शिमला के शिमला-कालका रोड़ पर टनल नम्बर 103 स्थित यह वो जगह है जो भारत के सबसे भूतियां जगहों में से एक मानी जाती है। भारत में सबसे खूबसूरत पहाड़ी स्टेशनों में से एक शिमला, हर साल अपने आकर्षक सौंदर्य के लिए हजारों लोगों को ही आकर्षित नहीं कर रही है, बल्कि गैर-इंसानों को भी आकर्षित करती है। आज इसका टनल एक डरावनी जगह के रुप में जाना जाता है। लोगों का मानना है कि वहां कोई एक नहीं बल्कि कई आत्मा एं रहती हैं। यहां घनघोर अंधेरा रहता है और आपको ऐसा लगेगा कि कोई बात कर रहा है। कई बार लोगों ने यहां औरत की आत्माऐ को टहलते हुए भी देखा है। इस टनल पर जाना सख्त मना है। यह भी कहा जाता है कि इस सुरंग का निर्माण एक अंग्रेज इंजीनियर बड़ोग ने करवाया था। इसलिए इसे बड़ोग सुरंग भी कहते है। बड़ोग सुरंग के साथ एक दर्द भरी कहानी जुड़ी है। कहते हैं कि इस सुरंग को बनाने वाले अंग्रेज इंचार्ज बड़ोग ने एक बड़ी भूल यह कर दी कि एक ही बार में दोनों ओर से सुरंग बनाने का कार्य शुरू कर दिया। अंदाजे की भूल से सुरंग के दोनों छोर मिल नहीं पाए जिसके कारण उन पर एक रुपए जुर्माना किया गया। कहते हैं कि अपनी इस चूक से वह इतने अधिक दुखी हुए कि उन्होंने एक दिन अपने कुत्ते के साथ सैर पर जाते हुए स्वयं को गोली मार कर आत्म ह्त्या कर ली। उसके बाद से यहां आज भी इसमें उस अंग्रेज इंजीनियर की रूह भटकती है। हालांकि इस रूह को फ्रेंडली माना जाता है। इस सुरंग में जाने से रोकने के लिए बाकायदा बोर्ड लगा है माना जाता है कि कर्नल लोगों के साथ बाते करते हैं वो उनसे लाइटर मांगते हैं। लेकिन वो किसी को हानि नहीं पहुंचाते।
12. अग्रसेन की बावली, दिल्ली
देश की राजधानी दिल्ली में भी कई ऐसी भूतिया जगह है जो इतिहास को दर्शाती है किन्तु यह अपने डरावने स्वरुप और भूतों के लिए भी प्रसिद्ध है। दिल्ली की इन भूतिया जगहों में से एक अग्रसेन का बाबली है। दिल्लीउ की यह एक भयानक बाबली है। अग्रसेन की बाबली राजधानी दिल्ली में कनाट प्लेस से थोड़ी ही दुरी पर स्थित है। महाराजा अग्रसेन ने 14वीं शताब्दी में इस बाबली का निर्माण करवाया था। इसकी लंबाई 60 मीटर और चौड़ाई 15 मीटर है। इस प्राचीन स्मारक को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) का संरक्षण प्राप्त है। किसी जमाने में यह हमेशा पानी से भरी रहती थी, लेकिन अब यह सूख चुकी है। इसके बारे में प्रचलित है कि इसका काला पानी लोगों को सम्मोहित कर आत्महत्या के लिए उकसाता था। इसके तल तक पहुंचने के लिए 106 सीढिय़ां उतरनी पड़ती हैं। पौराणिक कथाओं में भी इसका वर्णन है। कहा जाता है कि जब इसमें काला पानी भर जाता है तो यह लोगों को इसमें मरने के लिए मोहित करती है। यहां तक कि आज भी यहां लोग सूर्यास्त के बाद नहीं आते हैं।
13. राइटर्स बिल्डिंग, कलकत्ता
कलकत्ता की राइटर्स बिल्डिंग के बारे में अधिकतर लोगों ने सुना होगा। इस जगह को भारत की सबसे डरावनी जगहों में से एक माना जाता है। कभी नौकरों के रहने की इस जगह को आज भूतों का डेरा माना जाता है। इसमें आज भी कई कमरे सालों से बंद पड़े हैं। आसपास रहने वाले लोगों ने कई बार यहां डरावनी चीखों की आवाज़ सुनी है। यहाँ बंद पड़े कमरों में कई सारे भयावह राज़ बंद हैं, जिन्हें जानने की हिम्मत किसी ने भी अब तक नहीं की। कोलकाता में बीबीडी स्क्वायर में राइटर्स बिल्डिंग को लोकप्रिय रूप से जाना जाता है। लेकिन प्रेतवाधित इमारत के पीछे की कहानी 8 दिसंबर, 1930 को समाप्त हुई, जब तीन युवा स्वतंत्रता सेनानियों – बेन्यो बसु, बादल गुप्ता, और दिनेश गुप्ता – ने राइटर्स की इमारत में प्रवेश किया और क्रूर इंस्पेक्टर जनरल – कर्नल एन.एस. सिम्पसन को मार डाला। अफवाह यह है कि कर्नल सिम्पसन का भूत अभी भी इमारत और बीबीडी स्क्वायर (तीन स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर) का सामना कर रहा है। पूर्व में ब्रिटिश राज के अंतर्गत क्लर्क और जूनियर स्टाफ का कार्यालय, यह भवन अब राज्य सरकार का सचिवालय है। वहां काम करने वाले कई लोग इमारत के खाली कमरे से रात में मदद के लिए हताश होकर रोने की आवाज सुनते है।
14. साउथ पार्क स्ट्रीट कब्रिस्तान, कलकत्ता
आइए हम एक बार फिर कोलकाता वापस आएं। ऐसा लगता है कि भूत या आत्मा भी इस शहर के आनंद से प्यार करते हैं। पार्क स्ट्रीट, शहर के सबसे अधिक होने वाले इलाके में इसकी प्रसिद्धि रात का जीवन है। लेकिन जब क्षेत्र का एक विशाल हिस्सा उत्सव में डूब जाता है, तो इसके एक छोटे से हिस्से में डरावना मोड़ आ जाता है जिसे पार्क स्ट्रीट के द बरिअल रोड नाम ले जाना जाता है क्योंकि यह दक्षिण पार्क स्ट्रीट कब्रिस्तान है, जो शहर के सबसे कुख्यात दफन स्थानों में से एक है। साउथ पार्क स्ट्रीट कब्रिस्तान कोलकाता के मशहूर प्रेतभादित स्थानों में से एक है यहा लम्बी झाडिया, हरे पेड़ और शांतिपूर्ण वातावरण है| यह कई ब्रिटिश लोगों के लिए अंतिम विश्राम स्थान था, उच्च ग्रेड अधिकारियों की पत्नियों तक को यहां दफनाया गया था। यहां पर अधिकतर कब्रे ब्रिटिश सिपाहयो की है यह 1767 में बनी शहर की सबसे पुरानी और प्रेतबाधित कब्रिस्तान है| हालांकी यहां केवल कुछ ही मामले सामने आये है लेकिन फिर भी लोग यहाँ रात को गुजरने से डरते है| फन जमीन ब्रिटिश सैनिकों और कई अन्य लोगों की कब्रों के पास है। जगह की रहस्यमय घटनाओं के साथ पहला प्रयास तब हुआ जब दोस्तों के एक समूह ने तस्वीरों के लिए जगह का दौरा किया। उन सभी को चक्कर आने लगे और सांस लेने में दिकत आ रही थी। एक समूह के सदस्य को अस्थमा का दौरा पड़ा, भले ही वह अस्थमा रोगी न हो। डरावना अंधेरा छाया के साथ दिन में एक तस्वीर भी दिखाई पड़ती है।
15. वृंदावन सोसायटी ठाणे, मुम्बई
मुबंई एक चलती फिरती नगरी है जो कभी सोती नहीं है। लेकिन मुम्बई में कई ऐसी जगह हैं जो अपने डरावने पन से आपकी नींदे उड़ाने का दम रखती हैं। ठाणे के वृंदावन सोसायटी ऐसी ही जगहों में शामिल है। ठाणे (पश्चिम) में मौजूद वृंदावन सोसायटी की एक बिल्डिंग में माना जाता है की कभी किसी व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली थी। यहां पर कुछ अजीबो गरीब हरकतें होती हुई नज़र आई हैं। एक बार की बात है की उस बिल्डिंग के सिक्युरिटी गार्ड को इतना ज़ोर का थप्पड़ लगा कि वह कुर्सी से उठ खड़ा हुआ और पास में बैठे दूसरे सिक्युरिटी गार्ड को तमाचा लगा बैठा, यह सोचकर कि शायद उसने ही उसे मारा था। बाद में सचाई जानकर उनके होश उड़ गए। यहां कई ऐसी घटनाएं घटित हो चुकीं है जिन्होंने भूतों के होने के स्पष्ट प्रमाण प्रस्तुत किए हैं।
16. ग्रैंड परादी टावर्स, मुंबई
दक्षिण मुंबई के मालाबार हिल के पॉश क्षेत्र में तीन विशाल आवासीय टावर अब लगभग रेगिस्तान हैं क्योंकि यहां लोगों ने रहना कम कर दिया है क्योंकि यह स्थान अंदर होने वाली कई अनैतिक गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध हैं। तीन टावरों वाले ग्रैंड परादी में कई आत्माएं भटकती हैं। इन इमारतों में 20 से अधिक लोगों की आक्स्मिक मौत हुई थी जिनकी आत्माएं यहां भटकती रहती है। ग्रैंड परादी में एक के बाद एक कई लोगों ने आत्महत्या की है जिसमें एक ही परिवार के पांच लोग भी शामिल है। इन लोगों ने इमारत से कूदकर अपनी जान दी थी। इनका फ्लैट अब सील है वहीं स्थानीय लोगों का मानना है कि कोई अनजानी ताकत इन लोगों को रेलिंग तक ले गई जिसके बाद इन्होंने कूदकर अपनी जान दे दी। यहां के निवासियों को अक्सर उन अलौकिक गतिविधियों से निपटने के लिए मनोवैज्ञानिक सहायता की आवश्यकता पड़ती है।
17. पुतुलबाड़ी, कलकत्ता
कलकत्ता का पुतुलबाड़ी भारत के सबसे डरावने स्थलों में से एक है जहां आप रात में तो क्या दिन में जाने में भी डर जाएगें। ये एक गुडियों का घर है जिसे बंगाली भाषा में पुतुलबाड़ी कहा जाता है। ये कोलकाता की सबसे पुरानी जगहों के साथ-साथ सबसे डरावनी जगहों में से भी एक है। इस घर के ऊपरी हिस्सेस में कई लोगों ने एक लड़की के भूत होने की बात कही है। कहते हैं कि इस घर के मालिक ने कई लड़कियों का यहां पर क्रूरता से बलात्का र किया था। इन्हीं लड़कियों की आत्माय आज भी यहां भटकती रहती है।