पश्चिमी भारत के पर्यटन स्थल
भारत एक ऋषि-मुनियों की भूमि है। यहां कई ऋषि-मुनि, महात्माओं एवं देवी-देवताओं ने अवतरण लिया है। यहां के प्रत्येक हिस्से में कोई ना कोई रहस्य, कोई इतिहास अवश्य छिपा हुआ है जो इस क्षेत्र और राज्य की पहचान का प्रतिक है। भारत तीन ओर से समुद्र से घिरा है तो एक और पहाड़ों से ढकां हुआ है। इसके 13 राज्यों की सीमा से समुद्र लगा हुआ है। यहां एक ओर जहां जंगल है तो दूसरी ओर रेगिस्तान है। यहां चारों धाम की यात्रा में सभी तरह के नजारों के दर्शन हो जाते हैं। भारत आस्था-विश्वास के साथ विज्ञान की भी भूमि है। भारत दुनिया का सबसे सुंदर देश हैं। भारत को प्रकृति ने एक ओर जहां अनुपम और भरपूर सुंदरता से सजाया है तो दूसरी ओर अध्यात्म की गंगा भी बहाई है। भारत में एक ओर हिमालय है तो दूसरी और खूबसूरत समुद्री तट निहित है। भारत की चारों दिशाओं में फैले राज्यों और क्षेत्रों की अपनी-अपनी विशेषता, अपना-अपना इतिहास है। यही कारण है कि देश के साथ-साथ विदेशी पर्यटकों की भी पहली पसंद भारत होती है। आज भारत में पर्यटन भली-भांति फल फूल रहा है। भारत की चारों दिशाओं पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण है जिनमें पश्चिम दिशा मुख्य रुप से अपने गौरवशाली इतिहास के लिए जानी जाती है। भारत के पश्चिमी भाग के स्थलों में कई ऐसे राज्य एवं क्षेत्र है जो भारत के इतिहास के साथ-साथ उसकी संस्कृति, उसकी सभ्यता एवं रीति-रिवाजों को पारंपरिक रुप से धारण किए हुए हैं। हम आपकों इस आर्टिकल के माध्यम से भारत के पश्चिमी क्षेत्र के पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं जो पर्यटन के साथ-साथ भारत के गौरव को भी बढ़ा रहे हैं।
भारत का पश्चिमी क्षेत्र मुख्यतः अपनी संस्कृति, रेगिस्थानों, विशाल जंगलों, रहस्यमय महल और किलों तथा समुद्री तटों के लिए जाना जाता है। भारत का पश्चिमी क्षेत्र ऊर्जावान, रंगीन, जीवंत, रहस्यमय से भरपूर है। यहां राजस्थान के राजशाही महल और रेगिस्तान है तो गुजरात में भगवान कृष्ण की द्वारक, महाराष्ट्र में मराठाओं का गौरव है तो गोवा के समुद्री तट किसी का भी मन मोह लेने का दम रखते हैं। भारत का पश्चिमी चट एक सपूर्ण मिश्रण है। आपको यहां रेगिस्तान भी मिलेंगे और सुंदर हिल स्टेशन भी, घने जंगल भी यहां है और समुद्री तट भी। बीच में भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई है जहां बड़े सितारों और बॉलीवुड का तड़का लगता है तो महाराष्ट्र में अजंता और एलोरा की ऐतिहासिक गुफाएं भी है। नासिक में कुंभ मेले की भव्यता और शांति का स्थल है तो दीव में साफ चमकदार पानी है। ऐसा नजारा आपको किसी अन्य क्षेत्र में देखने को नहीं मिलेगा। पश्चिमी भारत क्षेत्र में भारत के महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात राज्य तथा दादरा एवं नगर हवेली एवं दमन एवं दीव केन्द्र शासित प्रदेश आते हैं। यह क्षेत्र उच्चस्तरीय औद्योगिक तथा आवासित है। पश्चिमी क्षेत्र के अधिकांश क्षेत्र मराठा साम्राज्य में अते थे।] इनको घेरे हुए हैं थार मरुस्थल उत्तरी ओर से, पूर्वी ओर से विंध्य पर्वत एवं दक्षिणी ओर से अरब सागर विराजमान है। समुद्र तट, रेगिस्तान, किलों और महल भारत के पश्चिमी हिस्से में बहुत अधिक मौजूद हैं ताकि आपकी छुट्टियों को जीवनभर के लिए यादगार बना दिया जा सके।
भारत के पश्चिमी तटों में सबसे पहला नाम गुजरात का आता है। गुजरात एक आकर्षक पर्यटन स्थल है। गुजरात में द्वारका, सोमनाथ, पालीताना के निकट शत्रुंजय पहाड़ी, पावागढ़, अंबाजी भद्रेश्वर, शामलाजी, तरंगा और गिरनार जैसे धार्मिक स्थलों के अलावा महात्मा गाँधी की जन्मभूमि पोरबंदर तथा पुरातत्त्व और वास्तुकला की दृष्टि से उल्लेखनीय पाटन, सिद्धपुर, घुरनली, दभोई, बाडनगर, मोधेरा, लोथल और अहमदाबाद जैसे स्थान भी हैं। अहमदपुर मांडती, चारबाड़ उभारत और तीथल के सुंदर समुद्री तट, सतपुड़ा पर्वतीय स्थल गिर वनों के शेरों का अभयारण्य और कच्छ में जंगली गधों का अभयारण्य भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं। गुजरात अपनी किंवदंतियों और शेरों के लिए प्रसिद्ध है। महात्मा गांधी का गृहनगर, यह एक जीवंत और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राज्य है और इसमें एक अद्वितीय आकर्षण है। बापू के जीवन और समय से संबंधित स्थानों के साथ मिलकर यह उस व्यक्ति के जीवन के तरीकों का अनुभव करने का अवसर प्रदान करता है जिसने स्वतंत्रता के लिए भारत का मार्ग प्रशस्त किया। आप साबरमती आश्रम, गांधी स्मारक संग्रामलय, वस्त्रों के कोलिको संग्रहालय, वडोदरा संग्रहालय और गांधी संग्रहालय और किंवदंती के जीवन से संबंधित अन्य स्थानों पर जा सकते हैं। गुजरात में गिर राष्ट्रीय उद्यान दुनिया में शुद्ध एशियाई शेरों को देखने के लिए एकमात्र जगह है। गुजरात में रानी की वाव, चंपानेर-पावगढ़ पुरातत्व पार्क, सोमनाथ महादेव मंदिर, अक्षरधाम मंदिर, द्वारकाधिश मंदिर, जुनागढ़ के महलों, महाबत मकबरा जैसे कुछ अन्य खूबसूरत गंतव्यों का भी नाम है। रंगीन त्यौहार और हस्तशिल्प आगे भारत के इस हिस्से की उदार परंपराओं को दर्शाते हैं।
इतना ही नहीं गुजरात में आपकों धार्मिक स्थल भी मिलेगें जिसमें भगवान कृष्ण की नगरी द्वाराका है। प्राचीन इतिहास की खोज करने वाले इतिहासकारों के अनुसार द्वारिका विश्वु का सबसे रहस्यमय शहर है। इस शहर पर अभी भी शोध जारी है। कई द्वारों का शहर होने के कारण 'द्वारिका' इसका नाम पड़ा।
वहीं दूसरी ओर यदि भारत के पश्चिमी राज्यों की बात हो राजस्थान का नाम ना लिया जाए तो आपकी यात्रा पूरी नहीं हो सकती। राजस्थान जिसका शाब्दिक अर्थ है "राजाओं की भूमि ", पश्चिमी भारत के सबसे आकर्षक पर्यटन स्थलों में से एक है। थार मरुस्थल के विशाल रेतीले टीले, हर साल दुनिया भर से लाखों पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। राजस्थान में इतिहास बसा है और यहाँ राजा महाराजाओं और पुराने किलों के कई महत्वपूर्ण स्थान मौजूद हैं जिन्हे देखने लाखों पर्यटक आते हैं। राजस्थान की संस्कृति, गहने और यहाँ बने प्राचीन भव्य निर्माण पर्यटकों को काफी आकर्षित करते हैं। आप राजस्थान से नहीं बच सकते हैं, जिसमें इसके किले, महल, हवेली और मंदिर पर्यटकों के अनुभव के लिए अनंत अवसर प्रदान करते हैं और अच्छी यादें लेते हैं। राजस्थान में उदयपुर, जयपुर और जैसलमेर की यात्रा करें, जो कि शाही संस्कृति की समृद्धि का साक्षी है। तो वहीं स्टार्क रेगिस्तानी परिदृश्य, रेत की धुनें, रंगीन मेले और त्यौहार, सुरम्य प्रकृति के धब्बे इसे यात्रियों के लिए एक स्वर्ग बनाते हैं। राजस्थान में उदय किला, चित्तौड़गढ़ किला, उदयपुर का शहर पैलेस, पिचोला झील पर्यटकों का दिल खुश कर देती है। वहीं हिल स्टेशन की तलाश करने वालो के लिए भी राजस्थान में माउंट आबू जैसा सुंदर हिल स्टेशन है। राजस्थान में धार्मिक पर्यटन के लिए भी बहुत कुछ है यहां का दिलवाड़ा जैन मंदिर और करणी माता मंदिर मन को शांति प्रदान करता है। इसके साथ ही रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान, सरिस्का टाइगर रिजर्व, लोंगवाला युद्ध स्मारक राजस्थान में कुछ दर्शनीय स्थलों के पर्यटन स्थल है। राजस्थान अपने पौराणिक किलों और राजशाही परंपराओं के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है।
भारत का एक और पश्चिमी राज्य महाराष्ट्र असीम संस्कृति एवं इतिहास की जड़ है। महाराष्ट्र में असंख्य लोकप्रिय और सम्मानित धार्मिक स्थल हैं, जहां बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और राज्य से बाहर के पर्यटक आते हैं। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई भारत का सबसे विश्वव्यापी महानगर है, जो अपनी वास्तुकला, ख़रीदारी, चटोरापन और बॉलीवुड के लिए प्रसिद्ध है। भारत में पधारने वाले 40% से ज़्यादा विदेशी पर्यटक मुंबई आते हैं।महाराष्ट्र 2 मिलियन से ज़्यादा विदेशी पर्यटकों के सालाना आगमन करते हैं। विदेशी पर्यटकों द्वारा सर्वाधिक दर्शनीय राज्य रहा है। मुंबई भारत का सबसे ज़्यादा सर्वदेशीय नगर है और आधुनिक भारत के अनुभव के लिए एक महत्वपूर्ण जगह मुंबई विश्व के सबसे बड़े फ़िल्म उद्योग बॉलीवुड के लिए लोकप्रिय है। इसके अलावा, मुंबई अपने क्लब, खरीदारी और उन्नत चटोरेपन के लिए प्रसिद्ध है। इतना ही नहीं महाराष्ट् में आप प्राचीन भारत के इतिहास से रूबरु हो सकते हैं। औरंगाबाद शहरमें प्राचीन अजंता और एलोरा की गुफाएं आपको इतिहास की पौराणिक कला से परिचित इस्लामी हाजी अली की मस्जिद, तथा बंबई उच्च न्यायालय और विक्टोरिया टर्मिनस के औपनिवेशिक स्थापत्य कला तक, अपनी वास्तुकला के लिए जाना जाता है।
महाराष्ट्र में रोमांच प्रमियों के लिए भी पैराग्लाइडिंग, रॉक क्लाइंबिंग, कैनोइंग केएकिंग, स्नोर्कलिग और स्कूबा डाइविंग सहित असंख्य साहसिक पर्यटन स्थल हैं। महाराष्ट्र में कई प्राचीन राष्ट्रीय उद्यान और परिरक्षण स्थल, औरंगाबाद में बीबी का मकबरा, कोल्हापुर में महालक्ष्मी मंदिर, मराठा साम्राज्य का गढ़ पुणे शहर, शानदार गणेश चतुर्थी समारोह भी देखने लायक हैं।
भारत के पश्चिमी तटो में गोवा नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा आपने। गोवा भारत के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। गोवा भारत का समुद्री तट पर स्थित राज्य हैं जो अपने पर्यटन के लिए अन्तराष्ट्रीय स्तर पर विख्यात हैं। नारियल के पेड़ और समुद्र के पानी पर पड़ने वाले सूर्य की रोशनी के मनमोहक नजारे गोवा के खूबसूरती में चार चांद लगा देती हैं। गोवा की खूबसूरती केवल यहां के सागर तटों तक ही सीमित नहीं है। यहां सेंट फ्रांसिस, ऑफ असीसी, होली स्पिरिट, पिलर सेमिनरी, सालीगांव, रकोल सेमिनरी आदि यहां के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक चर्च है। इसके अतिरिक्त सेंट काजरन चर्च, सेंट आगस्टीन टावर, ननरी ऑफ सेंट मोनिका तथा सेंट एरक्स चर्च भी प्रसिद्ध है। गोवा के पवित्र मंदिर जिनसे श्री कामाक्षी, सप्तकेटेश्विर, श्री शांतादुर्ग, महालसा नारायणी, परनेम का भगवती मंदिर और महालक्ष्मी आदि दर्शनीय है। पणजी, वास्को दा गामा, मारगांव, मापुसा, पोंडा, ओल्ड गोवा, छापोरा, वेगाटोर, बेनॉलिम, दूधसागर झरने गोवा के प्रमुख पर्यटन स्थल है।
तो देर किस बात की भारत के पश्चिमी क्षेत्रों की सुनहरी यात्रा में निकल पड़िए।